धनबादः वासंतिक नवरात्र 31 मार्च, सोमवार से शुरू हो रहा है. इसी दिन से विक्रम संवत 2071 की शुरुआत हो जायेगी. इस संवत को प्लवंग नाम से जाना जायेगा. रविवार की रात 12.14 बजे से प्रतिपदा लग जायेगी, जो सोमवार की रात को 10.57 बजे तक रहेगी. इसलिए कलश स्थापना व देवी की आराधना के लिए काफी समय मिलेगा. पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जायेगी.
डॉ गंगाधर मिश्र के अनुसार इस नवरात्र में किसी भी तिथि का क्षय नहीं है और न ही किसी तिथि की कोई वृद्धि है, जो काफी शुभ माना जा रहा है. इस वर्ष मां का आगमन गज व गमन डोली पर है. वर्षा का अच्छा संयोग बन रहा है. वहीं गमन भी कल्याणकारी माना जा रहा है. बांग्ला पंचांग के अनुसार देवी का आगमन गज व गमन नौका पर हो रहा है.
आने व जाने दोनों का फल शुभ माना जा रहा है. गज पर आगमन का फल शस्यपूर्ण वसुंधरा व नौका पर गमन को शष्य वृद्धि व जल वृद्धि वाला माना जा रहा है. हालांकि वाराणसी पंचांग के माननेवाले ज्योतिषियों का मानना है कि इस नवरात्र में आगमन व गमन की विशेष कोई महत्ता नहीं है.