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घनुडीह वर्कशॉप में कर्मियों का प्रदर्शन

आंदोलन. कोलियरी का अस्तित्व बचाने के लिए विरोध, संडे ड्यूटी का किया बहिष्कार घनुडीह कोलियरी का अस्तित्व बचाने को संयुक्त मोरचा ने कसी कमर बीसीसीएल प्रबंधन पर लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप आठ जुलाई को होगी संयुक्त मोरचा की सभा घनुडीह : बस्ताकोला क्षेत्र की घनुडीह कोलियरी का अस्तित्व बचाने के लिए परियोजना में कार्यरत […]

आंदोलन. कोलियरी का अस्तित्व बचाने के लिए विरोध, संडे ड्यूटी का किया बहिष्कार

घनुडीह कोलियरी का अस्तित्व बचाने को संयुक्त मोरचा ने कसी कमर
बीसीसीएल प्रबंधन पर लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप
आठ जुलाई को होगी संयुक्त मोरचा की सभा
घनुडीह : बस्ताकोला क्षेत्र की घनुडीह कोलियरी का अस्तित्व बचाने के लिए परियोजना में कार्यरत करीब 500 कर्मियों ने रविवार को संडे ड्यूटी का बहिष्कार किया. वर्कशॉप में संयुक्त मोरचा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान नेताओं ने कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन लगभग छह माह से कोलियरी बंद करने के नाम पर श्रमिकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है. घनुडीह परियोजना विस्तारीकरण के लिए जमीन नहीं होने का हवाला देकर बार-बार राजापुर परियोजना में जाकर कार्य करने का दबाव बनाया जा रहा है. निर्देश का पालन नहीं करने पर संडे ड्यूटी बंद करने की धमकी मिल रही है, जबकि श्रमिक प्रतिनिधि सदैव कंपनी व प्रबंधन के हित में सहयोग किये हैं.
शिफ्ट किये जा चुके हैं कर्मी : घनुडीह के कर्मियों काे घनुडीह से आवास खाली करवाकर करमाटांड़, मुरलीनगर, कुसुम विहार टाउनशिप में शिफ्ट किया जा चुका है. सैकड़ों प्राइवेट लोगों को बेलगढ़िया टाउनशिप में शिफ्ट कराने में मोरचा ने कई बार प्रबंधन का सहयोग किया. घनुडीह मल्लाह बस्ती, गांधी चबूतरा, लालटेनगंज, मोहरीबांध खटाल में रहने वाले शेष बचे प्राइवेट लोगों के पुनर्वास के लिए जेआरडीए, बीसीसीएल व प्रशासन के शिफ्टिंग अभियान में भी कर्मियों ने प्रचार प्रसार में मदद की. नेताओं ने कहा कि प्रबंधन अपनी लापरवाही छिपाने के लिए 500 कर्मियों को राजापुर अग्नि प्रभावित परियोजना में स्थानांतरित करना चाहता है.
क्या है माेरचा की मांग
घनुडीह 8 व 12 नंबर में पर्याप्त जमीन है. उस स्थान पर आउटसोर्सिंग नहीं चलायी जाये. पानी निकासी के अभाव में कंबाइंड सीम के तल में लाखों टन कोयला दबा हुआ है, उसे निकाला जाये. मल्लाह पट्टी, भुईयां पट्टी, लालटेनगंज, यूनियन ऑफिस के नीचे लाखों टन कोयला है. वहां के लोगों को शीघ्र विस्थापित किया जाये. घनुडीह जोड़िया का डार्यवसन कर एक पुल निर्माण किया जाये. न्यू बाफर धौड़ा के लोगों को समुचित व्यवस्था के साथ पुनर्वास किया जाये, ताकि परियोजना विस्तारीकरण हो सके. पुराने रीजनल स्टोर व घनुडीह ओपी भवन से लेकर घनुडीह कार्यालय के नीचे से लाखों टन कोयला निकाला जाये.
परियोजना विस्तार के लिए जमीन उपलब्ध है : मोरचा
मोरचा नेताओं के अनुसार, घनुडीह कोलियरी की जमीन वर्ष 2004 में करीब 173 हेक्टेयर एनसी पैच, आउटसोर्सिंग चलाने के लिए बगैर वार्ता के स्थानांतरित कर दी गयी थी. प्रबंधन की मंशा पहले से ही घनुडीह को बंद करने की रही है. घनुडीह का एक भी कर्मी राजापुर कोलियरी नहीं जायेगा. घनुडीह 8 नंबर व 12 नंबर में अभी भी परियोजना विस्तार के लिए जमीन उपलब्ध है, लेकिन प्रबंधन उस स्थान पर एनसी पैच पार्ट टू आउटसोर्सिंग चलाना चाहता है. आठ जुलाई को संयुक्त मोरचा की सभा होगी, जिसमें सभी यूनियनों के महामंत्री शामिल होंगे. मौके पर उमेश सिंह, कालीपद रवानी, प्रभाष सिंह, राकेश सिन्हा, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, अनिल राय, दिलीप सिंह, रमेश राम, बंबेश सिंह, डीडी राणा, रंगम कुमार, निमाई चंद्र भंडारी, प्रेम सागर राम, रामू नोनिया, जोधन साव, शिवेंद्र सिंह, शैलेश राय, दीपक सिन्हा आदि मौजूद थे.
प्रभारी सीएमडी को दिया पत्र
संयुक्त मोरचा ने घनुडीह कोलियरी बचाने के लिए छह सूत्री मांग पत्र बीसीसीएल के प्रभारी सीएमडी गोपाल सिंह, डीटी, डीपी, उपायुक्त, क्षेत्रीय श्रमायुक्त, बस्ताकोला जीएम व घनुडीह ओपी को दिया है.
शिफ्टिंग के बाद होगा विचार
घनुडीह परियोजना से सटे गांधी चबूतरा, मल्लाह बस्ती, लालटेनगंज व यूनियन ऑफिस के पास रहने वाले लोगों की शिफ्टिंग के बाद ही घनुडीह परियोजना को आगे चलाने पर विचार होगा. कर्मियों को कहीं भी काम ही करना है.
पीके दुबे, महाप्रबंधक, बस्ताकोला क्षेत्र

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