धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश बारह सैयद सलीम फातमी की अदालत ने शुक्रवार को प्रताड़ित करने के कारण सत्येंद्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने के मामले में जेल में बंद राणाप्रताप सिंह, जीतेंद्र कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह व संगीता सिंह को भादवि की धारा 306 में दोषी पाकर पांच-पांच वर्ष की कैद […]
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश बारह सैयद सलीम फातमी की अदालत ने शुक्रवार को प्रताड़ित करने के कारण सत्येंद्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने के मामले में जेल में बंद राणाप्रताप सिंह, जीतेंद्र कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह व संगीता सिंह को भादवि की धारा 306 में दोषी पाकर पांच-पांच वर्ष की कैद व एक-एक हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
जबकि अदालत ने अन्य आरोपी रोजी कुमारी व लालपति देवी को तीन-तीन वर्ष कैद व एक-एक हजार रुपये जुर्माना की सजा दी. बाद में अदालत ने दोनों सजायाफ्ताओं को झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर सजायाफ्ताओं को दो माह की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी.
क्या है मामला : अलकडीहा ओपी क्षेत्र के जीनागोड़ा निवासी रामदीप सिंह की पुत्रवधू व स्व. बिहारी सिंह की पत्नी संगीता सिंह अपने देवर सत्येंद्र सिंह को संपत्ति को लेकर हमेशा मानसिक रूप से प्रताड़ित करती रहती थी. वह पड़ोस के लोगों को घर में लाकर जान मारने की धमकी भी दिलवाती थी. सत्येेंद्र सिंह ने 6 जुलाई 07 की रात अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक टी सहाय ने ग्यारह साक्षियों का मुख्य परीक्षण कराया.
30.49 फर्जी निकासी मामले में फैसला 16 को : गलत तरीके से प्राप्त तैतीस डिमांड ड्राफ्ट के सहारे निकाले गये 30.49 लाख रुपये के मामले में शुक्रवार को सजा की बिंदु पर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय ने फैसला सुनाया था. लेकिन सजा कि क्केबिंदुपरबिन्दु पर बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष ने जोरदार बहस की. अदालत ने फैसले की तिथि 16 जून 17 मुकर्रर कर दी. अदालत ने 31 मई 17 को बैंक के दो पूर्व अधिकारी सोमन चट्टोपाध्याय (पूर्व असिसटेंट चीफ आफिसर डिलेवरी सेक्शन यूको बैंक कोलकाता) व प्रवण कुमार साहा (पूर्व असिसटेंट मैनेजर इलाहाबाद बैंक हीरापुर धनबाद) समेत अरुण कुमार विश्वास, स्नेहाशीष चटर्जी व गौतम चटर्जी (प्राइवेट व्यक्ति) को भादवि की धारा 120 (बी), 420, 467, 468 में दोषी पाकर जेल भेज दिया. विदित हो कि वर्ष 1994 में यूको बैंक व इलाहाबाद बैंक के अधिकारीद्वय ने प्राइवेट व्यक्ति से मिलकर एक साजिश के तहत 30.49 लाख रुपये की गलत डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से निकासी कर ली थी.
बैंक ऑफ इंडिया को पचास हजार रुपये भुगतान का निर्देश : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्यद्वय नरेश प्रसाद सिंह व पुष्पा सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से एक आदेश पारित कर परिवादी गोमो निवासी संजय सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया. फोरम ने विपक्षी ब्रांच मैनेजर बैंक ऑफ इंडिया गोमो को सख्त निर्देश दिया कि वे परिवादी काे पचास हजार रुपये 60 दिनों के अंदर भुगतान करें. साथ ही वाद खर्च एवं मानसिक यातना के लिए दस हजार रुपये अलग से भी भुगतान करने का आदेश दिया. समय सीमा के अंदर भुगतान नहीं करने पर साढ़े आठ फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करना होगा.
क्या है मामला : परिवादी संजय सिंह का श्री कृष्णा मोटर्स के नाम से बजाज मोटरसाइकिल का शोरूम लोको बाजार गोमो में है. परिवादी ने विपक्षी से पांच लाख रुपये ऋण जून 2014 में लिया. बैंक अधिकारी ने कहा कि ऋण देने के लिए सामान व नगद जो शोरूम में है, उसका बीमा कराना आवश्यक है. बैंक ने जो बीमा कराया उसका खर्च 1784 रुपये परिवादी के खाता से काट लिया, लेकिन बैंक ने बीमा की कॉपी उन्हें नहीं दी.
कहा कि बीमा की कॉपी बैंक के सुरक्षित कस्टडी में है. दुर्घटना होने पर आप को दे दी जायेगी. 19 जून 15 को परिवादी के शोरूम में ताला तोड़कर चोरी हुई, जिसमें सत्तर हजार सात सौ इकहत्तर रुपये का एक बजाज पल्सर मोटर साइकिल आैर नगद 25 हजार रुपये चोरी हो गयी. 20 जून 15 को परिवादी ने तोपचांची थाना में कांड संख्या 109/15 भादवि की धारा 461, 379 दर्ज कराया. 22 जून 15 को जब परिवादी विपक्षी बैंक के पास गया तो पता चला कि उनका शोरूम का बीमा किया ही नहीं गया है. 24 जून 15 को परिवादी ने क्षतिपूर्ति का आवेदन दिया, जिसे विपक्षी ने खारिज कर दिया. यह मामला सीसी केस नंबर 11/16 से संबंधित है.