संवाददाता, देवघर . देवघर जिले में वर्षों से प्रतीक्षित ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट अब तक शुरू नहीं हो सकी है, जिससे मरीजों को संपूर्ण रक्त (होल ब्लड) पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों के बावजूद यह यूनिट न तो स्थापित हो सकी और न ही चालू हो पायी है. जबकि इसके लिए रक्त केंद्र के पीछे भवन भी तैयार किया गया है. इस देरी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें आवश्यकता अनुसार रक्त कंपोनेंट के बजाय पूरा खून दिया जा रहा है.
यूनिट चालू होने से कई लोगों को मिलता लाभ
रक्त केंद्र में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट चालू होने से एक यूनिट खून से चार लोगों को लाभ मिलता. एक यूनिट खून में चार कंपोनेंट होते हैं, इनमें रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसीपिटेट शामिल हैं. ऐसे में चार लोगों को आवश्यकतानुसार सुविधा मिल सकती थी. यूनिट की शुरुआत होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.ब्लड सेंटर के आधुनिकीकरण के लिए प्रशासन ने टेंडर किया रद्द
जिला प्रशासन की ओर से पुराना सदर अस्पताल स्थित ब्लड सेंटर का आधुनिकीकरण व जीर्णोद्धार के साथ आधुनिक उपकरण मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से डीएमएफटी फंड से 45 लाख रुपये विभाग को दिये गये थे. इससे ब्लड सेंटर में डोनर काउच, ब्लड स्टोरेज फ्रिज, डोमेस्टिक फ्रिज, इएलआइएसए मशीन, बाइनोकुलर माइक्रोस्कोप, व्यू बॉक्स, वर्टिकल ऑटोक्लेव, इलेक्ट्रॉनिक वेट बैलेंस, ब्लड बैग शेकर, वाटर कूलर, जेनरेटर सेट 30 केवीए, इन्वर्टर, बैटरी, इनक्यूबेटर, पेशेंट बेड उपलब्ध कराया जाना था. इसके अलावा ब्लड सेंटर में सिविल वर्क, इलेक्ट्रिक वायरिंग का कार्य भी किया जायेगा. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने भी इस टेंडर को रद्द कर दिया है. इस कारण आधुनिकीकरण व जीर्णोद्धार के साथ आधुनिक उपकरण नहीं लग पाये हैं.क्या कहते हैं पदाधिकारी
ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट लगाने के लिए विभाग को लिखा गया है. विभाग की ओर से पहले मेडिकल कॉलेजों में लगाया जा रहा है, इसके बाद सदर अस्पताल में लगाया जायेगा.डॉ युगल किशोर चौधरी, सिविल सर्जन, देवघर
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