कर्पूरी लोहिया विचार मंच के थे संस्थापक दिवंगत अनिरूद्ध आजाद
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मजदूर नेता अनिरूद्ध आजाद नहीं रहे
कर्पूरी लोहिया विचार मंच के थे संस्थापक दिवंगत अनिरूद्ध आजाद देवघर : श्रमिकों की आवाज बुलंद करने वाले प्रखर समाजवादी नेता अनिरूद्ध आजाद नहीं रहे. शुक्रवार को राेहिणी के निकट लालपुर गांव स्थित अावास पर 82 वर्षीय अनिरूद्ध आजाद ने अंतिम सांस ली. उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किये. जिला […]
देवघर : श्रमिकों की आवाज बुलंद करने वाले प्रखर समाजवादी नेता अनिरूद्ध आजाद नहीं रहे. शुक्रवार को राेहिणी के निकट लालपुर गांव स्थित अावास पर 82 वर्षीय अनिरूद्ध आजाद ने अंतिम सांस ली. उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किये. जिला प्रशासन हो या पुलिस प्रशासन हर जगह निडर होकर श्रमिकों व जन समस्याओं की आवाज बुलंद करने में कभी कोताही नहीं बरते. जनहित से जुड़ी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने में वे कतई नहीं हिचकते थे.
दिवंगत आजाद अपने पीछे विनोद कुमार, प्रफुल्ल कुमार समेत भरा-पूरा परिवार छाेड़ गये. इधर, निधन की खबर मिलते ही ग्रामीणाें में शोक की लहर छा गयी. सैकड़ों लोग उनके आवास पर पहुंच कर पार्थिव शरीर का दर्शन किय व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. शोक जताने वालों में व्यवसायी प्रदीप बाजला, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, धर्मराज कुमार, बलराम भारती, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता त्रिवेणी वर्मा, राजद के नित्यानंद केशरी, रंजन महथा, मजदूर नेता संजय मंडल, भूतनाथ यादव, नकुल सिंह, मधुपुर के विनय कुमार विद्यर्थी, मो अनवर, वासुदेव देव, विभूति झा आदि शामिल हैं.
गरीब व किसानों की आवाज थे अनिरूद्ध आजाद : सुरेश पासवान
पूर्व मंत्री सुरेश पासवान निधन की सूचना पाकर उनके आवास पर पहुंचे व शोक जताया. उन्हाेंने कहा कि अनिरूद्ध आजाद वाकई में गरीबों, शोषितों, दलितों व श्रमिकाें की अावाज थे. हमेशा जनता की लड़ाई लड़ते रहे लेकिन सिद्धांतों से समझौता नहीं किये.
आजाद के निधन से अपूरनीय क्षति हुई: विधायक
विधायक नारायण दास ने अनिरूद्ध आजाद के असामयिक निधन पर दुख जताया है. कहा : वे हमेशा जनता के लिए ही संघर्ष करते रहे. उनके निधन से जनआंदोलन को अपूरणीय क्षति हुई है. उनके राजनीतिक व सामाजिक विचारधाराओं से में काफी प्रभावित रहा व समय-समय पर सलाह लिया करते थे.
कई संगठनों से जुड़े थे आजाद
अनिरुद्ध आजाद लोहिया कर्पूरी विचार मंच, चौकीदार दफादार संघ, भ्रष्टाचार मिटाओ संघर्ष समिति, बीड़ी मजदूर यूनियन समेत आदि संगठनों के प्रणेता थे. इन्होंने शोषक वर्ग का कभी समर्थन नहीं किये. सादगी से जीते रहे, लेकिन किसी के आगे घुटने नहीं टेका.
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