नगर निगम. आवासीय घर के 70 फीसदी हिस्से पर ही टैक्स
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अप्रैल 2016 से देना होगा बढ़ा हुआ टैक्स
नगर निगम. आवासीय घर के 70 फीसदी हिस्से पर ही टैक्स झारखंड सरकार ने नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली में 2015 में भी संशोधन किया था सड़क से दूरी के अनुसार कर निर्धारण देवघर : झारखंड सरकार ने टैक्स वृद्धि को लेकर झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर संशोधन नियमावली, 2013 तथा झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर संशोधन नियमावली, […]
झारखंड सरकार ने नगरपालिका संपत्ति कर नियमावली में 2015 में भी संशोधन किया था
सड़क से दूरी के अनुसार कर निर्धारण
देवघर : झारखंड सरकार ने टैक्स वृद्धि को लेकर झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर संशोधन नियमावली, 2013 तथा झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर संशोधन नियमावली, 2015 में संशोधन किया है. इसके तहत होल्डिंग टैक्स की यह दर 1 अप्रैल 2016 से लागू होगी. बिग इश्यू के शनिवार के अंक में लागू होने का वर्ष 2016 की जगह 2014 प्रकाशित हो गया था. दरअसल 2016 अप्रैल से ही इसे लागू माना जायेगा. नये संशोधन में जल संरक्षण पर जोर देते हुए यह भी प्रावधान किया गया है कि 300 वर्गमीटर यानी लगभग 3200 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल की जमीन पर घर बना है और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा नहीं है
तो मकान मालिक को डेढ़ गुणा अधिक टैक्स देना होगा. अब इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि किसी भवन में इसके लिए जमीन उपलब्ध है तो उसे 31 मार्च 2017 तक इसके लिए समय दिया जायेगा. इस अवधि के बाद उस भवन के मालिक को भी डेढ़ गुणा अधिक टैक्स का भुगतान करना होगा. साथ ही पूर्व से निर्मित वैसे भवनों में जहां इसके लिए जमीन उपलब्ध नहीं है, के संबंध में नगर निकायों की तकनीकी समिति की उस भवन को प्रावधान से मुक्त रखने अनुशंसा पर नगर निकाय द्वारा समुचित निर्णय लिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि पहले होल्डिंग टैक्स लेने के लिए आधार वर्ष 1 अप्रैल 2014 था और वार्षिक किराया मूल्य 2.50 फीसद था. लोगों के भारी विरोध के बाद राज्य सरकार ने इसमें संशोधन किया.
वार्षिक किराया मूल्य पर टैक्स
घर के वार्षिक किराया मूल्य (एनुअल रेंटर वैल्यू) का दो फीसद की दर से लोगों को होल्डिंग टैक्स का भुगतान करना होगा. 1000 वर्गफीट के मकान का वार्षिक किराया मूल्य का दो फीसद होल्डिंग टैक्स देना है, लेकिन आवासीय घर की स्थिति में घर के कुल क्षेत्रफल (बाहरी हिस्से की मापी) के 70 फीसद हिस्से पर ही टैक्स लगेगा. 40 फीट से अधिक चौड़ी सड़क पर घर बना है तो उसके वार्षिक किराया मूल्य की गणना 144 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से होगी. सड़क की चौड़ाई जैसे-जैसे कम होगी, होल्डिंग टैक्स भी कम होता चला जाएगा. यह भी प्रावधान किया गया है कि नगर निकायों द्वारा वार्षिक किराया मूल्य में पांच साल पर पुनरीक्षण किया जायेगा. यह पुनरीक्षण 0.25 फीसद होगा.
जनता पर टैक्स लादा जा रहा है, जबकि निगम की ओर से दी जा रही सुविधा नगण्य है. सरकार इस तरह का फिजूल आदेश जारी कर जनता को तबाह कर रही है. लोगों में ऊहापोह की स्थिति है, इसे दूर करने के लिए सरकार को जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है.
– संजीत सिंह, अध्यक्ष, जिला बिल्डर्स एसोसिएशन
टैक्स बढ़ोतरी से आम लोगों को सड़कों पर उतरने की नौबत आ गयी. इस पर सरकार को विचार करना चाहिए. एक बिल्डर्स छोटी सी जगह पर बिल्डिंग का निर्माण कर बहुत से लोगों को बसाने का काम करते हैं. जो साल दर साल होल्डिंग टैक्स अदा करेंगे. सरकार को सुविधा बढ़ानी चाहिये, न कि ऐसा कदम उठाये जिससे टैक्स देने वालों को भी समस्या झेलनी पड़े. -उपेंद्र प्रसाद, प्रोपराइटर, त्रिदेव कंस्ट्रक्शन
होल्डिंग टैक्स बढ़ाने की घोषणा कर दी गयी है, इसलिए निगम को बताना चाहिए कि वह किस-किस सेक्टर में टैक्स ले रही है. निगम प्रबंधन शहरवासियों से फाॅर्म भरवा रही है. उसमें सारे डिटेल्स मांग रही है. उसके बाद बिल्डर्स से चौगुना टैक्स देने को कहा जा रहा है. बिल्डर्स एसोसिएशन इसका विरोध किया है. -संजय मालवीय, प्रोपराइटर, मालवीय डेवलपर्स
आम जनता पर अतिरिक्त टैक्स लादा जा रहा है. टैक्स की चौगुनी बढ़ोतरी करने की घोषणा की गयी है. जमीन की कीमत के मुकाबले चार से पांच गुणा होल्डिंग टैक्स वसूला जायेगा, जबकि रजिस्ट्री करते समय ही टैक्स वसूल लिया जाता है. सरकार उस टैक्स के बदले शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी आदि की सुविधा मुहैया कराती है, तो आम लोग सहज महसूस करते हैं. -राहुल सिंह, विक्रमशीला डेवलपर्स
होल्डिंग टैक्स बढ़ाये जाने की घोषणा तो कर दी गयी, लेकिन यह नहीं बताया गया कि किस-किस चीज के लिए टैक्स लिया जा रहा है. आम लोगों को सेल्फ असेसमेंट कर फार्मेट भरने को बोला जा रहा है. उस फार्मेट में सारे डिटेल्स मांगा जा रहा है. इसके बाद भी निगम बिल्डर्स से चौगुना टैक्स देने को कह रही है. -शंकर सिंह, सदस्य, बिल्डर्स एसोसिएशन
शहरवासियों से टैक्स वसूले जाने को लेकर निगम की अोर से फार्मेट भरवाया जा रहा है. नगर निगम आम जनता को क्या सुविधाएं देगी, इसका कहीं जिक्र नहीं है. अपार्टमेट बनाने वाले बिल्डर्स से टैक्स मांग रही है, जबकि जमीन बिक्री के समय विक्रेता से पहले ही टैक्स वसूल लेती है. उसके बाद फ्लैट खरीदने वाले से भी टैक्स वसूलेगी, यह अनुचित है.
– वरुण राय, सदस्य, जिला बिल्डर्स एसोसिएशन, देवघर
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