यह अपने कुल देवता की पूजा से शुरू हाेकर पशुओं की पूजा के साथ समापन होगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में पशुओं की भी पूजा की परंपरा रही है. पशु हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. वह कृषि कार्य में सालोभर मनुष्य का साथ देता है. इसलिए उनकी भी पूजा की जाती है. इसमें गोहाल में गोवर से लीपा जाता है. उसे अक्षत से पूजा कर प्रवेश किया जाता है. इसमें बहन-दामान, दोस्त-मित्र सब एकत्रित होकर पर्व का आनंद उठाते हैं. सब एक साथ खान-पान करते हैं. इसे सफल बनाने में हेमलाल मरांडी, सुशीला हांसदा, सुनीता मुर्मू, राम ठाकुर, श्रवण कुमार, रोहण महतो, जोशी सोरेन, सुखेन सोरेन आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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सिदो-कान्हू बुद्धिजीवी समिति ने मनाया सोहराय
देवघर: सिद्धो कान्हू बुद्धिजीवी समन्वय समिति के तत्वावधान में रामपुर मुहल्ले में पांच दिवसीय सोहराय पर्व हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है. यह बुधवार को शुरू हुआ. तिल संक्रांत का परंपरागत तरीके से समापन किया जायेगा. इसमें आदिवासी समाज के लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. रामपुर में आयोजित सोहराय पर्व में विवाहित बेटी भी […]
देवघर: सिद्धो कान्हू बुद्धिजीवी समन्वय समिति के तत्वावधान में रामपुर मुहल्ले में पांच दिवसीय सोहराय पर्व हर्षोल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है. यह बुधवार को शुरू हुआ.
तिल संक्रांत का परंपरागत तरीके से समापन किया जायेगा. इसमें आदिवासी समाज के लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. रामपुर में आयोजित सोहराय पर्व में विवाहित बेटी भी मायके आकर पर्व में शामिल हुई. इससे पूजास्थल लोगों से भर गया है. इसमें आदिवासी अपने कुल देवता व गोहाल यानी पशुअों की पूजा आदि की जायेगी. इस संबंध में समिति के वरीय पदाधिकारी रूप नारायण मुर्मू ने बताया कि यह पांच दिनों तक चलनेवाला पर्व आदिवासियों का मूल पर्व है.
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