देवघर: संताल की धरती हमारे पुरखों की धरोहर व विरासतों से भरी है. ऐसी ही एक गौरवमयी धरोहर गोड्डा के धनसुखा पहाड़ में अतीत की सामुदायिक खेती के प्रमाण के रूप में वर्षों से मौजूद है. यहां आसपास में लोग सामुदायिक खेती करते थे और फसल को पत्थरों के बीच छोटे-छोटे सुडौल गड्ढों में तैयार […]
देवघर: संताल की धरती हमारे पुरखों की धरोहर व विरासतों से भरी है. ऐसी ही एक गौरवमयी धरोहर गोड्डा के धनसुखा पहाड़ में अतीत की सामुदायिक खेती के प्रमाण के रूप में वर्षों से मौजूद है. यहां आसपास में लोग सामुदायिक खेती करते थे और फसल को पत्थरों के बीच छोटे-छोटे सुडौल गड्ढों में तैयार करते थे. ‘गौड़’ के नाम से प्रसिद्ध इन धरोहरी गड्ढों के अस्तित्व पर संकट आ गया है.
दरअसल, इसके पास एक सड़क बनायी जा रही है और जाने-अनजाने में गौड़ पर सड़क की मिट्टी डाली जा रही है. पिछले कुछ दिनों से बारकोप मोड़ से बारकोप दुर्गा मंदिर तक सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. इस कारण इस ऐतिहासिक धरोहर के विलुप्त होने का खतरा है. बुद्धिजीवियों व इतिहासकारों ने इस पर चिंता
जतायी है.
धनसुखा पहाड़ पर मौजूद इन पुरातात्विक अवशेष को बचाने के लिए अावाज उठायी है. इतिहासकार श्रीकृष्ण बिहारी जोरावर ने इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए कई जगह आवाज उठायी है. प्रभात खबर से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हर हाल में इसे बचाया जाना चाहिए.
संवेदक ने दिया सुरक्षा का आश्वासन : सड़क निर्माण कर रहे संवेदक पंचम मिश्र ने प्रभात खबर की पहल का आभार जताया. उन्होंने कहा कि ऐसा है तो स्पॉट पर जाकर इसे बचाने की उपाय करेंगे. ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए मिट्टी को कहीं और फेंका जायेगा.