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मंडल कारा के बंदी की मौत, शव के साथ टावर चौक जाम

परिजनों का आरोप : केस में फंसानेवाले व कारा प्रशासन की मिलीभगत से सूरज की हुई पिटाई देवघर : देवघर मंडल कारा के विचाराधीन बंदी सूरज राउत उर्फ पूरन राउत (33) की रहस्यमय परिस्थिति में इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गयी. इसकी खबर मिलते ही मृतक के परिजन व ग्रामीणों ने हंगामा […]

परिजनों का आरोप : केस में फंसानेवाले व कारा प्रशासन की मिलीभगत से सूरज की हुई पिटाई
देवघर : देवघर मंडल कारा के विचाराधीन बंदी सूरज राउत उर्फ पूरन राउत (33) की रहस्यमय परिस्थिति में इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गयी. इसकी खबर मिलते ही मृतक के परिजन व ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया. शव के साथ टावर चौक जाम कर दिया. बंदी के परिजन आरोप लगा रहे थे कि केस में फंसाने वाले व जेल प्रशासन की मिलीभगत से उसकी पिटाई किये जाने के बाद तबीयत बिगड़ी और सूरज की मौत हो गयी.
धोखाधड़ी मामले में हुई थी सूरज की गिरफ्तारी : बताया जाता है कि मृतक बंदी सूरज जसीडीह थाना क्षेत्र के गिधनी गांव का रहनेवाला था, जिसे धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर जसीडीह थाना की पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश कराया था. कोर्ट के आदेश पर पुलिस द्वारा उसे न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेजा गया, जहां देर रात में उसे खांसी हुई.
इसके बाद बाथरुम जाकर उसने खून की उल्टी की. प्राथमिक उपचार के बाद सूरज को कारा प्रशासन द्वारा अहले सुबह करीब 4:21 बजे सदर अस्पताल लाकर भरती कराया गया. ऑन ड्यूटी डॉक्टर ने उसे सिटी स्कैन कराने की सलाह देकर स्लाइन-इंजेक्शन लगवाया और स्थिति नाजुक देख कर बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया. इसी बीच करीब 4:50 बजे इलाज के दौरान सूरज की मौत हो गयी.
सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस : मामले की जानकारी होते ही नगर थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर एसके महतो व जसीडीह थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर विनोद कुमार मंडल कारा पहुंचे. जांच प्रक्रिया पूरी कर मृत बंदी को देखने सदर अस्पताल पहुंचे. कारा द्वारा दी गयी सूचना के मुताबिक, एसडीओ ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच व मृतक के शव का पंचनामा के लिए दंडाधिकारी आशुतोष कुमार को सदर अस्पताल भेजा. उधर, मामले की जानकारी मिलते ही मृतक की मां, पत्नी सहित अन्य परिजन व ग्रामीण भी सदर अस्पताल पहुंचे.
सदर अस्पताल में मृत बंदी के शव का दंडाधिकारी आशुतोष पंचनामा कर ही रहे थे कि आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने मृतक का शव रखा स्ट्रेचर खींचते हुए टावर चौक के लिये चल दिये. करीब 11 बजे सुबह से आक्रोशित लोगों ने मिलकर मामले में कार्रवाई व आश्रितों को मुआवजा दिलाने की मांग पर टावर चौक जाम कर दिया. परिजनों आरोप लगा रहे थे कि सूरज की पिटाई के कारण तबीयत बिगड़ गयी क्योंकि थाना से कारा भेजते वक्त तक वह स्वस्थ था. परिजन व आक्रोशित लोग सूरज की मौत में जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई सहित आश्रित को नौकरी व मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे.
रह-रह कर जामस्थल टावर चौक पर स्थिति विस्फोटक हो रही थी. एसपी ए विजयालक्ष्मी समेत एसडीपीओ दीपक पांडेय ने भी आक्रोशितों को काफी समझाने का प्रयास किया. पहले वे लोग मानने को तैयार नहीं थे. काफी मशक्कत के बाद तीन घंटे बाद पुलिस व परिजनों के बीच वार्ता सफल हुआ और पारिवारिक लाभ के तहत 10 हजार आर्थिक सहायता देकर जाम हटाया गया. इसके बाद दंडाधिकारी आशुतोष कुमार की मौजूदगी में सदर अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा मृत बंदी के शव का पोस्टमार्टम किया गया. पूरी पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करायी गयी.
न्यायिक हिरासत में बंदी की तबीयत मंडल कारा में बिगड़ी. जेल प्रशासन ने उसे लाकर सदर अस्पताल में भरती कराया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिजनों का आरोप है कि केस में फंसाने वाले व जेल प्रशासन की मिलीभगत से उसकी पिटाई किये जाने के बाद तबीयत बिगड़ी और मौत हुई. परिजनों की शिकायत पर प्राथमिकी का निर्देश दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि बंदी की मौत किन कारणों से हुई.
बंदी के मौत की जानकारी मिली है. मामले को लेकर जेल प्रशासन को यूडी कांड दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. इस प्रकरण की न्यायिक जांच भी करायी जायेगी.
सुमन गुप्ता, जेल आइजी

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