देवघर: देवघर भूमि घोटाला में सरकारी व गोचर जमीन की व्यापक पैमाने में फरजी दस्तावेज तैयार कर एनओसी निकाली गयी है. भू-माफिया व अधिकारियों की मिलीभगत से गोचर जमीन व सरकारी तालाब को मिट्टी से भरकर लेबल कर दिया गया व फरजी दस्तावेज के आधार पर जमीन का नेचर ही बदल दिया गया.
सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ ने मोहनपुर अंचल के तीन मौजा के घोटाले में शामिल गोचर व सरकारी जमीन की वर्तमान स्थिति की भौतिक रिपोर्ट मांगी है. इसमें बैजनाथपुर, बंधा व रामपुर मौजा की गोचर व सरकारी जमीन शामिल है. सीबीआइ ने इसके लिए प्रशासन को तीनों मौजा का संबंधित प्लॉट नंबर भी उपलब्ध कराया है. इसमें सर्वाधिक बैजनाथपुर तथा बंधा मौजा की गोचर व सरकारी जमीन है.
बैजनाथपुर में तालाब का बदला था नेचर
तत्कालीन डीसी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, बैजनाथपुर में सरकारी तालाब (डोमासी तालाब) का फरजी दस्तावेज तैयार कर नेचर ही बदल दिया गया था. इसमें कई जगह चहारदीवारी भी खड़ा कर दिया गया था. जबकि बंधा मौजा में भी गोचर जमीन की घेराबंदी कर ली गयी थी. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने बैजनाथपुर, बंधा व रामपुर में गोचर व सरकारी जमीन की जांच संबंधित मौजा के खतियान व मूल दस्तोवज से पूरा कर लिया है. मूल दस्तावेज में जमीन का नेचर जो पहले था, वही बरकरार है. इसलिए सीबीआइ ने जांच में गोचर व सरकारी जमीन की फरजी दस्तावेज का मामला पकड़ लिया है.अब इसकी भौतिक स्थिति सीबीआइ जानने चाहती है.