देवघर: पत्रकार विनय कुमार सिंह पर हमला करने वाले आरोपितों के पहचान करने तक में ही पुलिस अभी फंसी है. अब तक एक भी आरोपितों को पुलिस नहीं गिरफ्तार कर सकी है. खुलेआम आरोपित घूम रहे हैं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. शहर में पुलिसिंग पूरी तरह ध्वस्त है. रात को शहर उच्चकों के हवाले रहता है. खुलेआम देर रात तक उच्चके शहर में मंडराते रहते हैं. शहर में कहीं कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. कभी मन होता है तो रात में पुलिस की एक ही गश्ती पार्टी निकलती है. शहर की आबादी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. किंतु उस अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. कहने को तो देवघर में तीन थाने हैं. मंदिर थाने से रात को कोई पुलिस गश्ती निकलती ही नहीं है.
तिवारी की पहचान राकेश के तौर पर : पत्रकार हमले के तीसरे आरोपित की पुलिस ने राकेश के रुप में पहचान की है. पुलिस के अनुसार राकेश का आवास रघुनाथ रोड से मुख्य पथ को जोड़ने वाली कॉर्नर पर है. इसके पूर्व पुलिस ने मामले के आरोपित ललन कुंजीलवार व रिशु नरौने के रुप में की थी. बताते चलें कि बुधवार की देर रात में कार्यालय से जाने के क्रम में आरोपितों ने विनय को रोक कर पिस्टल के बट से मारा था और पांच हजार रुपये की छिनतई कर ली थी. घटना में विनय के आंख के नीचे गंभीर चोट लगी है. तीन टांका भी लगा है.
चोरी की घटनाओं में वृद्धि : शहर में चोरी की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. गृह चोरी तो बढ़ी ही है. वहीं बाइक चोरी भी पुलिस नहीं रोक पा रही है. हर दो दिनों में चोर शहर से एक बाइक की चोरी करते हैं. पिछल्ले सप्ताह भी नगर थाना क्षेत्र से चोरों ने तीन बाइक की चोरी की है. वहीं गुरुवार रात को चोरों ने कुंडा थाना क्षेत्र से भी एक बाइक उड़ायी है.
शहर में अब टाइगर मोबाइल की गश्ती बंद
पूर्व में शहर में टाइगर मोबाइल की भी रात्रि गश्ती होती थी. किंतु आज कल टाइगर मोबाइल की गश्ती बंद है. टाइगर मोबाइल के जवान बाइक से शहर की सड़कों पर रात्रि गश्ती करते थे. इससे बहुत हद तक अपराध पर अंकुश था. तत्कालीन एसपी सुमन गुप्ता के कार्यकाल में टाइगर मोबाइल द्वारा रात्रि गश्ती करायी जाती थी. वहीं इस परंपरा को तत्कालीन एसपी सुबोध प्रसाद के कार्यकाल तक बरकरार रखा गया था. हालांकि इन दिनों टाइगर मोबाइल की गश्ती पूर्णत: बंद है.