देवघर: बाबा मंदिर से सटे नाथबाड़ी की जमीन के अधिग्रहण में एलए एक्ट के तहत भू-अर्जन विभाग द्वारा 16 आना रैयत समेत दावेदारों को नोटिस किया जायेगा. इस नोटिस के बाद दावेदार के साथ-साथ 16 आना रैयतों को अपना दावा पेश करने का मौका दिया जायेगा.
एलए एक्ट के तहत नाथ संप्रदाय नाथबाड़ी की जमीन का दावा पेश करेगी. यदि उनका दावा सही साबित हुआ तो नाथबाड़ी का डीड ऑफ एग्रीमेंट रद्द हो सकता है.
भूमि अधिग्रहण मामलों के जानकार बताते हैं कि अगर नाथ संप्रदाय नाथबाड़ी स्थित अपने पूर्वजों की समाधि का हवाला देते हुए भी भू-अर्जन विभाग में अपना दावा पेश करेगी तो इसका अधिग्रहण टल सकता है. क्योंकि धार्मिक स्थल अथवा समाधि स्थल की जमीन का अधिग्रहण प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा. इसमें कानूनी पेंच में फंसने की संभावना रहेगी. चूंकि दावा सही साबित होने पर नाथबाड़ी का स्वामित्व नाथ संप्रदाय का हो जायेगा.
हालांकि जमीन का डीड ऑफ एग्रीमेंट रद्द होने की प्रक्रिया कोर्ट में जा सकती है. बताया जाता है कि नाथबाड़ी जमीन का डीड ऑफ एग्रीमेंट जमीन कथित मालिक प्रिंस से करवा लिया गया है लेकिन नाथबाड़ी की जमीन लखराज प्रकृति का होने के कारण अब तक इसका लगान निर्धारण नहीं हो पाया है. सूत्रों के अनुसार बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड द्वारा नाथबाड़ी की जमीन का अधिग्रहण करने की घोषणा के बाद से आनन-फानन में निवेशक ने इस जमीन का सौदा हीरे के भाव करना शुरू कर दिया है.