421 रुपये में 12 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी बालू गिराना है. इसमें ट्रांसपोर्टेशन किराया भी शामिल है. लेकिन इन दिनों बालू की अनलोडिंग में कमेटी का कोई नियंत्रण नहीं है. मनमाना ट्रांसपोर्टिंग किराया वसूला जा रहा है. प्रति ट्रैक्टर बालू की दर 1500 से 1800 रुपये वसूले जा रहे हैं. इनमें खनन विभाग व परिवहन विभाग भी नियंत्रण के लिए पहल नहीं कर रहा है. आम लोग मकान बनाने में महंगी दर पर मजबूरन बालू खरीदने के लिए मजबूर है.
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आम लोगों के लिए महंगा हुआ बालू
देवघर : बालू घाटों की बंदोबस्ती के बाद आम जनों के लिए बालू खरीदना महंगा हो गया है. बंदोबस्ती के बाद बालू प्रति ट्रैक्टर 1000 से 1200 रुपया की महंगी दर लोगों को चुकानी पड़ रही है. बालू की निलामी की आड़ में जनता से खुलेआम लूट हो रही है. राज्य सरकार के निर्देश पर […]
देवघर : बालू घाटों की बंदोबस्ती के बाद आम जनों के लिए बालू खरीदना महंगा हो गया है. बंदोबस्ती के बाद बालू प्रति ट्रैक्टर 1000 से 1200 रुपया की महंगी दर लोगों को चुकानी पड़ रही है. बालू की निलामी की आड़ में जनता से खुलेआम लूट हो रही है. राज्य सरकार के निर्देश पर डीसी की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय कमेटी ने 421 रुपये प्रति ट्रैक्टर (100 सीएफटी) बालू 12 किलोमीटर के दायरे में अनलोड करने की दर निर्धारित की है.
छुटभैये नेता वसूल रहे हैं कमशीन
बालू की मनमानी दर से लेकर बालू के अवैध खनन में छुटभैये नेता की भी संलिप्तता होती रही है. राजनीतिक दल के छुटभैये नेता भी इसमें कमीशन खा रहे हैं. बालू घाटों का सीटीओ नहीं होने के बाद भी कई घाटों से बालू की तस्करी बिहार तक की जा रही है.
कहते हैं सहायक खनन पदाधिकारी
कमेटी द्वारा 12 किलोमीटर के दायरे में अनलोडिंग तक 421 रुपये प्रति 100 सीएफटी की दर निर्धारित है. अगर कोई मनमाना पैसा वसूलता है तो इसकी शिकायत उपायुक्त से कर सकते हैं. उपायुक्त के निर्देशानुसार कार्रवाई होगी.
– दिलीप कुमार तांती, सहायक खनन पदाधिकारी, देवघर
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