देवघर: बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड अपने निर्णय के 26 दिन बाद भी नाथबाड़ी की जमीन के अधिग्रहण की दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है. बार-बार कहा जा रहा है कि बोर्ड अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर चुका है लेकिन संबंधित विभाग के अफसरों को अभी तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है. न तो देवघर सीओ न एसी, न मंदिर प्रभारी ही अधिग्रहण के बारे में कुछ बता पाने की स्थिति में है.
हालांकि डीसी राहुल पुरवार ने प्रक्रिया शुरू होने की बात कही है. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी दिख नहीं रहा है. उधर, दूसरी ओर नाथबाड़ी जमीन के डील का खेल चल रहा है. अभी तक प्रशासन की ओर से न तो जमीन खरीद-बिक्री पर रोक लगायी गयी है और न ही इस आशय की सूचना ही जारी की गयी है कि बोर्ड नाथबाड़ी और उमा भवन के पास वाली जमीन का अधिग्रहण करने वाला है. बस बोर्ड की बैठक में निर्णय लेने के बाद प्रेस को अध्यक्ष ने जानकारी दी, उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
ज्ञात हो कि प्रबंधन बोर्ड ने नाथबाड़ी की लगभग दो एकड़ जमीन श्रद्धालुओं के हित में अधिग्रहण करने का निर्णय 24 नवंबर को बैठक में लिया था. उस वक्त बोर्ड के एक सदस्य ने यह भी कहा था कि नाथबाड़ी से बाबा मंदिर का पुराना संबंध है. इसलिए जमीन बाबा मंदिर के कार्य के लिए अधिग्रहण किया जा सकता है.
बोर्ड के निर्णय के बाद से सक्रिय हो गये जमीन कारोबारी
जैसे ही बोर्ड के निर्णय की भनक जमीन कारोबारियों को लगी. सभी सक्रिय हो गये और जमीन अधिग्रहण न होने देने की तिकड़म में जुट गये. अपनी पहुंच व पैसे के बल पर जमीन कारोबारी हर तरह से मामले को पैच अप करने में लगे हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि कहीं न कहीं जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी का यह भी कारण हो सकता है.