इसमें रेलवे ट्रैक में काम करने वाले रेलकर्मी व मजदूरों को ठहराया जाता था. इस डिब्बे में कर्मी खाना बनाकर खाते व रहते थे. मंगलवार की सुबह सभी कर्मी खाना बना कर खाने के बाद काम पर चले गये. इसके बाद अचानक बोगी में आग की लपटें निकलनी शुरू हो गयी. धुआं देख रेलकर्मियों वहां पहुंचे तथा आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए.
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सिमुलतला स्टेशन में खड़े सवारी डिब्बे में लगी आग
जसीडीह : आसनसोल डिवीजन के जसीडीह-झाझा के बीच सिमुलतला स्टेशन में लूप लाइन पर खड़े सवारी डिब्बे में आग लगने से अफरातफरी मच गयी. रेलकर्मियों ने बाेगी में रखे सामान को बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि आग पर काबू नहीं पाया जा सका. इस दौरान डिब्बा पूरी […]
जसीडीह : आसनसोल डिवीजन के जसीडीह-झाझा के बीच सिमुलतला स्टेशन में लूप लाइन पर खड़े सवारी डिब्बे में आग लगने से अफरातफरी मच गयी. रेलकर्मियों ने बाेगी में रखे सामान को बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थी कि आग पर काबू नहीं पाया जा सका. इस दौरान डिब्बा पूरी तरह जल कर खाक हो गया. जानकारी के अनुसार, स्टेशन के पूर्वी छोर पर कई सालों से बेकार पड़े सवारी डिब्बे में ट्रैक्स मशीन को लगाकर रखा गया था.
इस सवारी डिब्बे में कर्मियों के कागजात, सामान, कपड़े व रेल के कई सामान थे. आग लगने से सभी सामान जल गये. घटना की जानकारी रेलकर्मियों ने जसीडीह आरपीएफ को दी. जानकारी मिलते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर डीके पांडे पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे व छानबीन की. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. घटना को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चा है. कुछ लोगों का कहना है कि माओवादियों द्वारा बुलायी गयी दो दिवसीय बंदी के कारण तो यह घटना नहीं हुई. इधर, पुलिस का मानना है कि शाॅर्ट सर्किट या खाना बनाने केे दौरान कर्मियों की गलती से आग लगी होगी. पुलिस आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी है.
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