देवघर: शहीद आश्रम की धरोहर वाली संपत्ति को लेकर चल रहे टाइटिल सूट संख्या 237/12 सरकार बनाम राम वतार सिंहानियां व अन्य की सुनवाई अब अवर न्यायाधीश (चार) करेंगे. पहले यह सूट सब जज (पांच) की अदालत में चल रहा था. लंबे समय से कोर्ट खाली रहने के चलते मामले को विचारण के लिए अवर न्यायाधीश (चार) की अदालत में भेज दिया गया है. इस मामले के प्रतिवादियों को हाजिर होने के लिए वादी पक्ष की ओर से नोटिस दाखिल कर दिया गया है. प्रतिवादियों को नोटिस मिलने के बाद आगे की सुनवाई हो सकती है.
क्या है शहीद आश्रम की जमीन का सूट : इस टाइटिल सूट में वादी की ओर से कहा गया है कि निगम क्षेत्र में शहीद आश्रम नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर की जमीन है. इस जमीन में से 1.24 एकड़ को दस्तावेज के माध्यम से प्लॉटिंग कर बेच दिया गया है. इसी जमीन को खाली कराने तथा बनाये गये सेल डीड को निरस्त करने के लिए उपायुक्त देवघर की ओर से यह मुकदमा 20 सितंबर, 2012 को दायर किया गया है. इसमें सरकार की ओर से पक्ष जीपी बालेश्वर प्रसाद सिंह रख रहे हैं.
वैसे इसका कुल रकवा 7.19 एकड़ है. इसमें से 1.24 एकड़ जमीन बेच दी गयी है. इस जमीन को लेकर डीसी कोर्ट में भी आरएमए नंबर 15/2002-03 छोटेलाल मोदी बनाम रामवतार सिंहानिया व अन्य दाखिल हुआ था जिसमें नौ सितंबर, 2005 को फैसला सुनाया गया था.
टाइटिल सूट के प्रतिवादी : रामवतार सिंहानिया, सुशीला कारवां, बिहारी लाल कारवां, रामचंद्र झा, भगवान प्रसाद, शांति देवी, कविता गुप्ता, कृष्णकांत पंडित, कामदेव झा तथा आशा देवी टेकरीवाल. इसमें से एक प्रतिवादी गोड्डा के हैं जबकि अन्य प्रतिवादी झौंसागढ़ी, हिंदी विद्यापीठ देवघर समेत भिन्न स्थानों के हैं.