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शहर में सज गयी किताबों की दुनिया

देवघर : माहविद्या के तत्वावधान में आरमित्रा स्कूल परिसर में शनिवार को 15वें देवघर पुस्तक मेला की शुरुआत हुई. संताल परगना रेंज के डीआइजी देव बिहारी शर्मा, डीसी अरवा राजकमल, एसपी ए. विजयालक्ष्मी, एमएलए नारायण दास, पूर्व मंत्री केएन झा व अन्य गण्यमान्यों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मेला का उदघाटन किया. इससे […]

देवघर : माहविद्या के तत्वावधान में आरमित्रा स्कूल परिसर में शनिवार को 15वें देवघर पुस्तक मेला की शुरुआत हुई. संताल परगना रेंज के डीआइजी देव बिहारी शर्मा, डीसी अरवा राजकमल, एसपी ए. विजयालक्ष्मी, एमएलए नारायण दास, पूर्व मंत्री केएन झा व अन्य गण्यमान्यों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मेला का उदघाटन किया.
इससे पूर्व पुस्तक मेला समिति के संयोजक डॉ सुभाष राय ने स्वागत भाषण के साथ अतिथियों का सम्मान किया. इस अवसर पर पंडा धर्मरिक्षणी सभा के अध्यक्ष प्रो सुरेश भारद्वाज द्वारा लिखित पुस्तक का मंच पर विमोचन किया गया. पूर्व मंत्री केएनए झा समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे.
मंच का संचालन रामसेवक सिंह गुंजन ने किया. मेला समिति के पदाधिकारी आलोक मल्लिक ने धन्यवाद ज्ञापित किया. इसके पश्चात पूर्व मंत्री केएन झा, विधायक नारायण दास व डिप्टी मेयर नीतू देवी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर पुस्तक प्रदर्शनी की शुरुआत की. समारोह में डिप्टी मेयर नीतू देवी, एसबीआइ मुख्य शाखा के एजीएम रवि प्रकाश, डीआरडीए निदेशक शशि प्रकाश झा, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष प्रो सुरेश भारद्वाज, मेला समिति के उपाध्यक्ष मोतीलाल द्वारी, प्रो रामनंदन सिंह, वीरभद्र पांडेय, श्वेता शर्मा, नीतू सिंह आदि उपस्थत थे.
लक्ष्य तक पहुंचाती है किताब: डीआइजी
मुख्य अतिथि डीआइजी देव बिहारी शर्मा ने कहा कि पुस्तक वह सीढ़ी है जो इंसान को सफलता के मुकाम तक पहुंचाती है. शहरवासियों से अपील है कि बच्चों को पुस्तक मेले में लेकर आयें.
पुस्तकों की दुनिया है पुस्तक मेला: विधायक स्थानीय विधायक नारायण दास ने कहा कि पुस्तकें नहीं होती तो दुनिया का विकास नहीं होता. पुस्तक का मेला पुस्तक की दुनिया होती है.
ई-बुक के जमाने में भी पुस्तकें प्रासंगिक : डीसी डीसी अरवा राजकमल ने कहा कि देवघर में पिछले 15 वर्षों से लगातार पुस्तक मेला का आयोजन काफी सुखद है. जब इंटरनेट में ई-बुक की शुरूआत हुई तो लगा कि पुस्तकों का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा. मगर यह मिथक टूट गया. पुस्तकें आज भी प्रासंगिक है.
पुस्तकें सबसे सच्चा दोस्त: एसपी
एसपी ए. विजयालक्ष्मी ने कहा कि, देवघर में 15 वर्षों से पुस्तक मेला का आयोजन हो रहा है. यह हम सभी के लिए खुशियों की बात है. मुझे भी पढ़ने का शौक है. मनुष्य के जीवन में कोई भी पुस्तक सच्चे दोस्त साबित हो सकती है.
दंभ दूर करती हैं किताबें: केएन झा
अपने अध्यक्षीय भाषण में पूर्व मंत्री केएन झा ने कहा कि, पुस्तक मेले में अलग सी अनूभूति होती है. भारतवर्ष हमेशा से सहिष्णु रहा है. चाहे सांस्कृतिक, अध्यात्मिक विरासत की बातें हो.वर्षों से वेद, त्रृचाअों ने देश के लोगों को सहिष्णु बनाया है. मेरे विचार से जब किसी आदमी में या मनुष्य में दंभ आ जाता है.
उसके दिलो-दिमाग पर एक कालिमा का असर बैठ जाता है. इस परिस्थिति में वो कालिमा इन्हीं पुस्तकों/ग्रंथों से दूर होता है. विद्या ददाति विनयम. ज्ञान के बाद व्यक्ति विन्रम हो जाता है. वो असहिष्णु हो ही नहीं सकता.

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