उन्हें हर दवा पूर्व का बना होने की आशंका सताती है. फ्लेम नामक दवा में मेनुफेक्चरिंग तिथि चार अप्रैल 2016 लिखा हुआ है. इसकी एक्सपायरी तिथि तीन मार्च 2018 लिखा हुआ है. इसके मेनुफेक्चरिंग तिथि के आधार पर असली मान भी लें तो एक्सपायर की तिथि समय से पहले आ जायेगी. ऐसी दवा कई तरह से हानि पहुंचा सकती है. बीमारी पर असरदार नहीं रहने के अलावा ऐसी दवाओं के सेवन से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है. रिएक्शन या जानलेवा साइड अफेक्ट भी हो सकता है.
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बिक रही निर्माण की अग्रिम तिथि वाली दवा, शहर में हड़कंप
देवघर: देवघर में लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कई कंपनियों की एडवांस डेट की दवा शहर के दुकानों में पहुंच चुकी है. यह बात शहर में चर्चा का विषय बन गयी है. कई लोग वाट्सऐप के जरिये भी एक-दूसरे को सतर्क कर रहे हैं. हालांकि यह दवा कंपनियों की मार्केटिंग […]
देवघर: देवघर में लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कई कंपनियों की एडवांस डेट की दवा शहर के दुकानों में पहुंच चुकी है. यह बात शहर में चर्चा का विषय बन गयी है. कई लोग वाट्सऐप के जरिये भी एक-दूसरे को सतर्क कर रहे हैं. हालांकि यह दवा कंपनियों की मार्केटिंग की होड़ है या फिर कंपनियों को बदनाम करने की साजिश, यह जांच का विषय है. लोग दहशत में हैं. डर का आलम यह है कि अब असली दवा खाने में भी लोग हिचकिचा रहे हैं.
क्या है प्रक्रिया
दवा बनने के बाद ड्रग्स अथोरिटी के पास भेजी जाती है. वहां मानक की जांच की जाती है. उसमें सही पाने के बाद ही क्लीयरेंस दिया जाता है. तब बाजार में बिक्री के लिए भेजी जाती है.
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