देवघर: झारखंड राज्य निर्माण को 13 वर्ष बीत गये. इन वर्षो में संताल परगना क्षेत्र की जो स्थिति पहले थी वही स्थिति आज भी बरकरार है. सूबे की सरकार हर स्थापना दिवस के मौके पर नई-नई घोषणाएं करती है.
मगर प्रमंडल के साथ देवघर के व्यवसायियों को भी मलाल है कि उम्मीद के मुताबिक क्षेत्र में संसाधन मौजूद रहने के बावजूद क्षेत्र का औद्योगिक विकास न हो सका. उक्त बातें प्रभात खबर परिचर्चा में व्यवसायियों ने कही. व्यवसायियों ने कहा क्षेत्र में एक से बढ़कर एक राजनीतिज्ञ हस्तियों ने जनता का नेतृत्व किया.
मगर उनमें दूरदर्शिता की कमी व उत्तरदायित्व का अभाव पिछड़ेपन का कारण है. वहीं दूसरी ओर सरकारी मुलाजिमों में जिम्मेवारी का अभाव और संताल परगना टेनेंसी एक्ट विकास में बाधक बना हुआ है. बिहार से अलग होने के बाद झारखंड का चौमुखी विकास होना था. मगर तत्कालीन सरप्लस बजट के बाद आज राज्य के हर नागरिक के माथे कर्ज चढ़ा हुआ है. परिचर्चा की अध्यक्षता देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनय माहेश्वरी ने व संचालन शहर के जाने-माने व्यवसायी प्रदीप बाजला ने की.