27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

????? ?? ??? ?? ??? ??? ??????? ??? ??????

युवती की मौत के बाद सदर अस्पताल में हंगामापरिजनों समेत आक्रोशित लोगों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोपपहुंचे दंडाधिकारी, आश्वासन के बाद भी नहीं माने आक्रोशित लोगशव लेकर सभी गये डीसी के पास समाहरणालय, प्रभारी एनडीसी को दिया आवेदनदंडाधिकारी जुटे जांच-पड़ताल में, मरीज को अटेंड करने वाले दो डॉक्टर सहित स्टाफ व गार्ड से […]

युवती की मौत के बाद सदर अस्पताल में हंगामापरिजनों समेत आक्रोशित लोगों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोपपहुंचे दंडाधिकारी, आश्वासन के बाद भी नहीं माने आक्रोशित लोगशव लेकर सभी गये डीसी के पास समाहरणालय, प्रभारी एनडीसी को दिया आवेदनदंडाधिकारी जुटे जांच-पड़ताल में, मरीज को अटेंड करने वाले दो डॉक्टर सहित स्टाफ व गार्ड से पूछताछ(हंगामा की फोटो सुभाष के फोल्डर में, डॉ आरएन प्रसाद-प्रो ललित कुमार देव व शैलजा देवी की फोटो सिटी में, दंडाधिकारी असीम सिन्हा व डॉ बीपी सिंह की फोटो आशीष फोल्डर में)संवाददाता, देवघरनगर थानांतर्गत पांडेय गली निवासी आनंद प्रसाद केसरी की पुत्री अंकिता कुमारी (17) की मौत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में हंगामा किया. परिजन सहित आक्रोशित लोगों ने ऑन ड्यूटी डॉक्टर मनोज गुप्ता पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तबादला करने की मांग की है. अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक अंकिता को परिजनों ने शुक्रवार रात करीब 8:50 में भरती कराया था. उस वक्त डॉक्टर बीपी सिंह की ड्यूटी थी. रात्रि 10 बजे ड्यूटी समाप्त होने के बाद वे चले गये. इसके बाद मूर्छक डॉक्टर मनोज गुप्ता ड्यूटी पर आये. डॉ गुप्ता के मुताबिक रात्रि करीब 11:30 बजे वार्ड की सिस्टर से जानकारी मिली थी कि मरीज बैचेनी में है, स्लाइन लगाने नहीं दे रहा है. इसके बाद रात भर कभी किसी ने मरीज के बारे में कोई सूचना नहीं दिया. सुबह करीब 7:40 बजे कुछ समय के लिये ब्लड बैंक गये ही थे कि दौड़ कर गार्ड आया और मरीज के गंभीर होने की बात कही. इस सूचना पर वार्ड में पहुंचे ही थे कि अंकिता को गेसपिन में देखा. हृदय संक्रमण की दवा देकर अंकिता की हालत स्थिर करने का प्रयास कर ही रहे थे कि सुबह 8:05 बजे उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजन समेत अन्य लोग आक्रोशित हो गये. पंजी आदि की फेंकने लगे. उधर घटना की सूचना पाकर अस्पताल दंडाधिकारी असीम कुमार सिन्हा भी आये व डीसी समेत नगर थाने को सूचित कर सुरक्षा देने को कहा. आक्रोशित लोगों को समझाते हुए लिखित शिकायत मांगी तो वे लोग शव के साथ डीसी से मिलने समाहरणालय चले गये. वहां प्रभारी एनडीसी सह सीओ शैलेश सिन्हा से मिल कर आक्रोशित लोगों ने एक ज्ञापन दिया, जिसमें ऑन ड्यूटी डॉक्टर गुप्ता के तबादले की मांग की गयी है. हंगामें के वजह से अस्पताल के रजिस्ट्रेशन समेत अन्य ओपीडी कुछ देर के लिये बाधित हो गयी. धीरे-धीरे सभी कर्मी अपने जगह छोड़ बाहर आ गये थे. बाद में अस्पताल दंडाधिकारी ने सभी को सुरक्षा दिलाने का आश्वासन देते हुए काम पर लौटाया. हालांकि समाचार लिखे जाने तक हंगामे से पहुंची बाधा व क्षति को लेकर कहीं कोई शिकायत दर्ज नहीं है. अस्पताल का माहौल शांत होने के पश्चात दोपहर बाद में दंडाधिकारी ने पुन: पहुंच कर रात्रि ड्यूटी वाले दोनों डॉक्टरो सहित स्वास्थ्यकर्मी व गार्ड का अलग-अलग बयान लिया और रिपोर्ट डीसी को भेजने की बात कही. ……………………………………ऐसा समय न आ जाये कि डॉक्टर गंभीर मरीज को देख रेफर करने लगें!देवघर. सदर अस्पताल में मरीज की मौत के बाद अक्सर हंगामा देखने को मिलता है. लोगों को भी समझना चाहिये और इलाज करने में डॉक्टर सहित पूरी टीम का सहयोग करें. डॉक्टर को ईश्वर का दूसरा रुप माना जाता है. जान-बूझ कर कोई डॉक्टर अपने मरीज का अनहित नहीं होने देना चाहते हैं. अंतिम क्षण तक वे लोग भी मरीज को बेहतर करने में लगे रहते हैं. ऐसे में बात-बात पर हंगामा भी उचित नहीं है. सदर अस्पताल ही एक ऐसा जगह है, जहां लोग कभी भी अपात स्थिति में सहारा लेने पहुंचते हैं. इसलिये ऐसा न हो जाय कि गंभीर मरीज देखने से ही डॉक्टर कतराने लगें. गंभीर मरीजों को देख डॉक्टर पहले ही रेफर करने का न मन बना लें. इसलिये समय रहते देवनगरी के समाजसेवियों समेत बुद्धिजीवियों को इस पर सोचने की जरुरत है और लोगों के प्रति इस मामले को लेकर जागरुकता लाने में आगे आयें.क्या कहते हैं दंडाधिकारीसुबह नौ बजे अनुसेवक ने अस्पताल में हंगामा होने की सूचना दी. इसके बाद डीसी समेत नगर थाना प्रभारी, डीडीसी व एसडीओ को जानकारी देकर पुलिस भेजने की बात कही. खुद अस्पताल आकर परिजनो से शिकायत मांगा किंतु अब तक उन्हें मामले की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. हर स्तर पर जांच कर रहे हैं. पता चला है कि परिजन के साथ कुछ असमाजिक तत्वों ने मिल कर ऐसा हास्यास्पद कार्य किया. अगर यही स्थिति रहा तो आगे पुलिसिया कार्रवाई भी करायी जायेगी.असीम कुमार सिन्हा, अस्पताल दंडाधिकारीडॉक्टरों का पक्षरात को हमने मरीज को भरती किया था. उपलब्ध संसाधन के तहत सभी तरह का उपचार दिया था. इसके बाद 10 बजे ड्यूटी खत्म होने पर चले गये. उन्हें विश्वास है कि अस्पताल द्वारा कोई चूक नहीं हुई होगी. हंगामा-तोड़फोड़ उचित नहीं है. अगर यह हाल रहा तो आगे मरीजों को सेवा देने में कठिनाई होगी.डॉक्टर बीपी सिंहडॉक्टरों को अच्छे से काउंसेलिंग करनी चाहिये. वहीं लोगों को भी धैर्य रखना चाहिये. उचित यही होता है कि डॉक्टर को उपचार देने में परिजनों द्वारा मदद करनी चाहिये. अंकिता को पूर्व में मैंनें भी देखा था. बाहर ले जाने की सलाह परिजनों को दी थी. डॉक्टर आरएन प्रसाद, वरिष्ठ चिकित्सकक्या कहते हैं समाजसेवीअस्पताल में लोग 24 घंटे में कभी भी अपात स्थिति में मरीज लेकर पहुंचते हैं. ऐसे में परिजनों को भी संयम रखना चाहिये. वहीं डॉक्टर-स्वास्थ्यकर्मी मुस्तैदी से लोगों को सेवा दें इसके लिये उन्हें हर हाल में सहयोग करना चाहिये. ऐसा मौका नहीं आने दें कि डॉक्टर मरीज को देखते ही रेफर करने लगें. प्रो ललित कुमार देवअभी देवघर से बाहर हूं. दूसरे लोगों से कुछ जानकारी मिली है. ऐसी घटना की पुनरावृति न हो इसके लिये डॉक्टर-स्वास्थ्यकर्मी ईमानदारी से ड्यूटी करना सुनिश्चित करें. वहीं लोग भी अपना संयम नहीं खोयें. जीना-मरना ईश्वर की मर्जी है. ऐसे में डॉक्टर-मरीज का संबंध भावनात्मक होता है. कोई जान-बूझ कर केस खराब नहीं करना चाहते. शैलजा देवी, वार्ड पार्षद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें