देवघर: देवघर जिले में जन वितरण प्रणाली दुकान(पीडीएस) तक पहुंचने से पहले खाद्यान्न व केरोसिन में घपले की बातें सामने आ रही है. इसमें खाद्य आपूर्ति विभाग की लापरवाही की वजह से पीडीएस दुकानाें तक सही मापी के साथ अनाज व केरोसिन नहीं पहुंच रहा है. निगरानी नहीं होने की वजह से प्रत्येक माह हजारों […]
देवघर: देवघर जिले में जन वितरण प्रणाली दुकान(पीडीएस) तक पहुंचने से पहले खाद्यान्न व केरोसिन में घपले की बातें सामने आ रही है. इसमें खाद्य आपूर्ति विभाग की लापरवाही की वजह से पीडीएस दुकानाें तक सही मापी के साथ अनाज व केरोसिन नहीं पहुंच रहा है. निगरानी नहीं होने की वजह से प्रत्येक माह हजारों लीटर केरोसिन व हजारों कि्वंटल चावल का हेरफेर हो रहा है.
खाद्य आपूर्ति विभाग के अनुसार देवघर जिले में प्रत्येक माह में 76,40,022 किवंटल अनाज व पौने नौ लाख लीटर केरोसिन का आवंटन होता है. इसमें बीपीएलधारी को 35,902 अतिरिक्त बीपीएलधारी को 41, 617 व अंत्तोदय लाभुकों को 15, 652 कि्वंटल अनाज पीडीएस से दिये जाने का आवंटन है. जबकि ग्रामीण हाट व पीडीएस दुकानों के लिए पौने नाै लाख लीटर केरोसिन का आवंटन होता है़ लेकिन खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के निगरानी के अभाव में पीडीएस दुकानों तक पहुंचते- पहुंचते ही इसमें कटौती कर ली जाती है. इस कटौती का कोई हिसाब-किताब नहीं है.
प्रति सौ लीटर में चार लीटर का उलटफेर
जिले में पौने नौ लाख लीटर केरोसिन अधिकृत विक्रेता के माध्यम से पीडीएस दुकानों में देने का प्रावधान है. टैंकर के माध्यम से निर्धारित स्थान पर पीडीएस दुकानदारों केरोसिन दिया जाता है. औसतन एक दुकानदार को 500 लीटर केरोसिन दिसे जाने का प्रावधान हे. अधिकृत विक्रेता द्वारा टैंकर से केरोसिन 20 लीटर के डिब्बे से पीडीएस के ड्राम में भरा जाता है. लेकिन जब पीडीएस दुकानदार अपनी मापी करते हैं तो प्रति एक सौ लीटर में लगभग चार लीटर केरोसिन कम पाया जाता है. इस दौरान आपत्ति करने के बाद भी कोई सुनवायी नहीं होती है. नियमानुसार राशन वितरण के दौरान विभाग के पदाधिकारी को स्थल पर निगरानी के लिए मौजूद रहना चाहिए, लेकिन देवघर में इस कार्य के प्रति अधिकारी उदासीन है.
डिलेवरी के दौरान वजन में हेरफेर
अनाज का उठाव अब डोर स्टेप डिलेवरी सिस्टम से होता है. अनाज में 50 किलो का पैकेट राज्य खाद्य निगम(एसएफसी) की ओर से दिये जाने का प्रावधान है. एसएफसी प्रखंडों के गोदाम तक अनाज भेज देती है. इस दौरान चावल के पैकेट की मापी गोदाम में ही कर लिया जाता है, लेकिन इस मापी में ही प्रति पैकेट तीन से चार किलो चावल का वजन कम रहता है. एक पैकेट में 46-47 किलो चावल पीडीएस दुकानों तक वाहन के जरिये अनाज भेज दिया जाता है. एक पीडीएस में औसतन 20 किवंटल का आवंटन रहता है़ इस कटौती से एक पीडीएस दुकानदारों को लगभग एक से डेढ़ किवंटल कम अनाज मिल रहा है. पीडीएस दुकान में मापी की सुविधा नहीं रहने की वजह से अनाज से भरा वाहन का वजन नहीं हो पाता है. इसका प्रभाव लाभुकों पर भी पड़ता है. इसे लेकर पीडीएस दुकानदारों ने दबी जुबान से कई बार विरोध भी किया है, लेकिन अधिकारियों की रवैया उदासीन रहा है.
निगरानी समिति का गठन नहीं हुआ
राज्य सरकार के निर्देशानुसार राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया जाना है. निगरानी समिति में जिलास्तर पर पदेन अध्यक्ष जिला परिषद अध्यक्ष व प्रखंड स्तर पर प्रमुख को अध्यक्ष बनाया जाना है. लेकिन विभाग द्वारा इस निर्देश को अब तक प्रभावी नहीं किया गया है.
कम वजन पर की गयी थी आपत्ति: जिलाध्यक्ष
पीडीएस दुकानदार संघ के अध्यक्ष अभयचंद्र झा ने कहा कि पीडीएस दुकानों में भेजे जाने वाली पैकेट में अनाज कम रहने की शिकायत कई दुकानदारों ने किया था. इस आधार पर विभाग के अधिकारियों व संबंधित विभाग के मंत्री सरयू राय को भी शिकायत कर आपत्ति दर्ज की जा चुकी है. मंत्री ने इसमें सुधार का आश्वासन भी दिया था. अभी भी वजन में अनाज की शिकायतें आ रही है.