देवघर:दशक बीतने के बाद भी नगर थाना क्षेत्र में हुए सबसे बड़ी बैंक डकैती का राज नहीं खुल सका है. बताया जाता है कि नगर थाना क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक में वर्ष 2006 में ही 73 लाख लूट कर आरोपित फरार हो गये थे. इस संबंध में अज्ञात पांच-छह आरोपितों के खिलाफ नगर थाने में मामला दर्ज किया गया था. घटना के करीब एक दशक बीतने को है.
बावजूद देवघर पुलिस इस मामले का सुराग तक नहीं खोज सकी. जानकारी हो कि अपराधियों ने उस वक्त सिंडिकेट बैंक में बड़ी आराम से घटना को अंजाम दिया था. बैंक खुलने के वक्त ही सशस्त्र अपराधी पिछले दरवाजे से उक्त बैंक में घुसे थे. हथियार के बल पर कर्मियों को कब्जे में लेकर आराम से स्ट्रांग रूम खुलवाया था. इसके बाद थैले में रुपये भर कर फरार हो गया था. जिस वक्त अपराधी उक्त बैंक में प्रवेश किया था,
उस वक्त बैंक की साफ-सफाई हो रही थी. आगे का गेट बंद था, जबकि पिछला गेट अंदर से खुला था. अपराधियों के फरार होने के काफी देर बाद मामले की भनक पुलिस को लगी थी. सूचना मिलते ही डीआइजी, एसपी सहित जिले के तमाम आला-अधिकारी खोजी कुत्ते के साथ जांच में पहुंचे थे.
खोजी कुत्ता बैंक से निकल कर बगल के एक होटल के कमरे के सामने आकर बैठ जाता था. इसके अलावे विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो शहरी क्षेत्र में सीता होटल के समीप स्थित केनरा बैंक की शाखा, आरके मिशन के समीप यूनाइटेड बैंक की शाखा में लूट हो चुकी थी. इसके अलावे जसीडीह स्थित इलाहाबाद बैंक, कोयरीडीह के वनांचल ग्रामीण बैंक, औद्योगिक क्षेत्र स्थित एसबीआइ शाखा के अलावे मधुपुर व देवीपुर इलाके के बैंकों में भी डकैती की घटना हो चुकी है. इन घटनाओं के बाद एक लंबे अंतराल तक जिले में बैंक डकैती की घटनाएं रुकी हुई थी. अचानक जसीडीह में सहारा के फ्रेंचाइजी कार्यालय में हुई लूट के बाद से पुलिस की नींद ही उड़ गयी है. घटना के उद्भेदन के लिये पुलिस महकमा पता करने में जुटी है.