देवघर: केंद्र सरकार की योजना समेकित जल छाजन प्रबंधन कार्यक्रम के तहत गांव में रहने वाले कामगार कुम्हार, बढ़ई, नाई, राज मिस्त्री, साइकिल मिस्त्री व पलंबर मिस्त्री को औजार के लिए घर बैठे पूंजी के रुप में औजार मिल रहा है. पहले चरण में जलछाजन के प्रवेश मूलक गतिविधि के तहत मोहनपुर प्रखंड के 13 गांव के 102 कामगारों को यह लाभ मिल चुका है. योजना के तहत कीटनाशक स्प्रे मशीन,बढ़ई, नाई, राज मिस्त्री, साइकिल मिस्त्री व कुम्हार से संबंधित औजार दी गयी है. शेष 38 गांवों के अलग-अलग कामगारों को भी उनके जरूरतों के अनुसार लाभ जल्द मिलेगा. जलछाजन प्रकोष्ठ व अंकेक्षण केंद्र इसका सर्वे करेगी. सर्वे में अन्य रोजगार से संबंधित कामगारों के कौशल विकास के लिए राज्य से बाहर प्रशिक्षण हेतु भेजा जायेगा.
842 आदिवासियों को मिलेगा धुआं रहित चूल्हा
इस प्रवेश मूलक गतिविधि योजना के तहत मोहनपुर प्रखंड के बांक, झालर, बलथर, जमुनियां, ठाढ़ियारा, तुम्बावेल, घोंघा, मोरने व रघुनाथ पंचायत के 842 आदिवासी लाभुकों को धुआं रहित चूल्हा नि:शुल्क दिया जायेगा. इसकी सूची तैयार की गयी है. इस चूल्हे में लकड़ी व गोयठा का प्रयोग किया जायेगा. इसमें बीपीएल व एपीएल की बाध्यता नहीं है. इस योजना में संबंधित पंचायत के 19 जर्जर कूप की मरम्मती भी होगी.
देवीपुर में कृषि से जुड़े कामगारों को लाभ
देवीपुर प्रखंड में इरा संस्था द्वारा जल छाजन का कार्य किया जा रहा है. इसमें प्रवेश मूलक गतिविधि के तहत कृषि रोजगार को बढ़ावा देते हुए भूमि समतलीकरण, मेढ़बंदी, फलदार पौधारोपण,ड्रम चेकडैम व हैंडलूम सेंटर की स्थापना की गयी है. देवीपुर प्रखंड के नौ जल छाजन समिति में यह कार्य चल रहा है, इसमें शेष चार प्रखंडों कार्य होना बाकी है.
जल व मिट्टी संरक्षण की योजना
प्रोजेक्ट निदेशक अवधेश कुमार ने बताया कि मोहनपुर व देवीपुर प्रखंड में जल छाजन समिति का गठन होगा. समिति में अध्यक्ष व सचिव का चुनाव आम सभा के माध्यम से होगा. इसके बाद ग्राम सभा द्वारा जलछाजन की योजनाएं तय होगी. इसमें मिट्टी व जल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जायेगी. जैसे मेढ़बंदी, लूज बोल्डर चेकडैम, तालाब निर्माण व डोभा निर्माण आदि है.