देवघर: एडीजे प्रथम अशोक कुमार सिंह अशोक की अदालत द्वारा स्पेशल केस संख्या 1/08 के दो आरोपितों हरेकृष्ण श्रीवास्तव तथा शंकर श्रीवास्तव को एक साल की सजा दी गयी.दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दोषी करार दिया गया और सजा सुनायी गयी. आरोपित द्वय को अनुसूचित जाति/ जनजाति अधिनियम की धारा 3 (10) के अलावा मारपीट की धारा 323 व 379 में दोषी पाया गया.
सभी धाराओं में अलग-अलग सजा दी गयी. साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माना नहीं देने पर दस दिन की अतिरिक्त कैद की सजा काटनी होगी.आरोपित द्वय जसीडीह बाजार के रहने वाले हैं. यह पीसीआर केस जसीडीह थाने के सगदाहा गांव निवासी दिलीप दास ने कोर्ट में 11 जुलाई 2007 को दाखिल किया था. इसमें परिवादी की ओर से पांच लोगों की गवाही दी गयी और दोष सिद्ध करने में सफल रहे. इस मुकदमे में आठ साल के बाद फैसला आया.
क्या है मामला
जसीडीह थाने के सगदाहा गांव के निकट परिवादी की साइकिल की दुकान थी. इसी दुकान में आकर 500 रुपये की रंगदारी मांगा जिसे नहीं देने पर दलित लगा कर अपमानित किया व पिटाई कर दी. साथ ही बक्सा से डेढ़ सौ रुपये निकाल लिया. यह घटना आठ जुलाई 2005 को घटी थी. थाना में परिवादी की शिकायत दर्ज नहीं करने पर कोर्ट में पीसीआर केस संख्या 391/05 दाखिल किया. इस मामले में कोर्ट में संज्ञान लिया तथा विशेष न्यायालय में विचारण के लिए भेजा गया.
जिन धाराओं में मिली सजा
एससी/एसटी एक्ट—-एक साल
धारा 323 में—- छह माह
धारा 379 में——छह माह