विकास की बात तो सभी कर रहे हैं लेकिन कैसे होगा विकास?, क्या होगा उनका एजेंडा?, देवघर शहर को सजाने-संवारने के लिए विकास का ब्लू प्रिंट क्या होगा? इस संबंध में किसी भी प्रत्याशी का विजन क्लीयर नहीं है. इस तरह लगभग प्रत्याशी बिना विजन के ही विकास का वादा कर रहे हैं और जनता से समर्थन मांग रहे हैं.
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बिना विजन प्रत्याशी कर रहे विकास का वादा
देवघर: निगम चुनाव का प्रचार-प्रसार पूरे जोर-शोर से चल रहा है. मेयर पद के सभी सातों प्रत्याशी पूरे दम खम से चुनाव मैदान में उतर गये हैं. जनता के बीच जा रहे हैं, घर-घर जाकर फेस टू फेस बातचीत कर रहे हैं. विकास के वादे भी कर रहे हैं. जो पूर्व से निगम के जनप्रतिनिधि […]
देवघर: निगम चुनाव का प्रचार-प्रसार पूरे जोर-शोर से चल रहा है. मेयर पद के सभी सातों प्रत्याशी पूरे दम खम से चुनाव मैदान में उतर गये हैं. जनता के बीच जा रहे हैं, घर-घर जाकर फेस टू फेस बातचीत कर रहे हैं. विकास के वादे भी कर रहे हैं. जो पूर्व से निगम के जनप्रतिनिधि हैं, वे अपनी पत्नी के लिए वोट मांग रहे हैं और उनके कार्यकाल के अधूरे विकास कार्य को पूरा करने का वादा भी कर रहे हैं. लेकिन मेयर हों या वार्ड पार्षद प्रत्याशी बिन मुद्दा के ही चुनाव मैदान में हैं.
वोटरों को रिझाने की हर तिकड़म अपना रहे हैं प्रत्याशी
निगम चुनाव में वोटरों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए हर तरह का तिकड़म प्रत्याशी अपना रहे हैं. सामाजिक, जातिगत, पारिवारिक समीकरण के लिए अलावा सीटींग पार्षद या मेयर, डिप्टी मेयर सभी अपने कार्यकाल के दौरान किये गये विकास कार्य को जनता के बीच रख रहे हैं और जो काम अब तक नहीं हुआ है, उसे दूसरे टर्म में पूरा करने के लिए दोबारा मौका मांग रहे हैं. इनमें अधिकांश प्रत्याशी तो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं वहीं कुछेक प्रत्याशी हैं जिन्हें चुनाव लड़ने का अनुभव प्राप्त है. मेयर पद की प्रत्याशियों में अधिकांश पति के सहारे ही चुनाव मैदान में हैं.
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