देवघर: देवघर जिले में अवैध आरा मिलों की सूची लंबी है, आश्चर्य है कि इसकी सूचना वन विभाग को होने के बावजूद विभाग खामोश रहती है. जब इस पर कोई आवाज उठती है, तभी कुछ कार्रवाई होती है अन्यथा विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से लकड़ी माफिया अवैध आरा मिल चलाते हैं. शनिवार देर रात पुलिस की छापेमारी के बाद अवैध आरा मिल के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.
लेकिन वन विभाग को शहर से सटे भुरभुरा मोड़ के अवैध आरा मिल तथा अवैध लकड़ी पर नजर नहीं दौड़ी व इस पर पुलिस को एक्शन लेना पड़ा. पिछले दिनों जिला परिषद की बैठक में जिप सदस्यों द्वारा आवाज उठाने के बाद वन विभाग ने धड़ाधड़ अवैध आरा मिल नजर आयी व बड़ी कार्रवाई. इसमें सारठ, सारवां व सोनारायठाढ़ी क्षेत्र है. सारवां में दो माह पूर्व अवैध आरा मिल को बंद कराया गया.
कटोरिया व दुमका के जंगल की लकड़ी पहुंचते हैं देवघर !
देवघर में लकड़ी माफियों का सिंडिकेट अवैध आरा मिल चलाने के साथ-साथ बिहार व दुमका क्षेत्र से अवैध लकड़ी का आयात करती है. बिहार के कटोरिया, चांदन, सरैयाहाट, तालझारी व जरमुंडी क्षेत्र के जंगलों की कटाई तेजी से हो रही है. अवैध लकड़ी रातों-रात दर्दमारा, दुमका रोड व रिखिया रोड के जरिये देवघर में खपाया जा रहा है. रात में सप्लाइ के दौरान पुलिस व वन विभाग दोनों आखें बंद कर लेती है.