दुमका: महर्षि पांडेय अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरे फिल्मी अंदाज में वाहनों की चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था. वह वाहन चोरी की घटनाओं को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए प्रिया मिश्र का सहारा लेता था. प्रिया ने भी कबूला है कि वाहन चोरी की कुछ घटनाओं में महर्षि के साथ थी. महर्षि ने प्रिया का साथ इसीलिए लिया था कि वाहन चोरी के दौरान उनपर किसी का शक न हो. वे उसे गाड़ी में बिठाकर यह दिखाते थे कि कोई परिवार के लोग हैं. सड़क के किनारे खड़ी गाड़ी देखकर ‘मास्टर की’ से वे गाड़ी खोलते थे. वहीं उनके साथ इंडिगो में चलने वाला मोहन बैठा गाड़ी लेकर रफूचक्कर हो जाता था. देवघर के सुभाष चौक में स्कार्पियो चोरी के दौरान बगल स्थित होटल के सीसीटीवी फुटेज में इंडिगो कार और यह ‘बंटी-बबली’ नजर आये थे.
एनजीओ में काम करती थी प्रिया
प्रिया मिश्र के मुताबिक वह साल भर पहले तक पटना के किसी समूह जागृति नाम के एनजीओ में काम करती थी. जहां महर्षि आता रहता था. उसने काम दिलाने की बात कहकर अपने साथ ले गया था. हावड़ा (कोलकाता) में उसने उसके रहने के लिए कमरा भी ले रखा है.
शार्टकट नहीं घुमावदार रास्ते से जाती थी गाड़ी
पुलिस को चकमा देने के लिए चोरी की गाड़ी लेकर यह गिरोह किसी शार्टकट रास्ते को पकड़ने की वजाय घुमावदार रास्ते से जाता था. दुमका से होते हुए सिउड़ी के समीप सेवड़ाकुली के बाद पानागढ़ और फिर जीटी रोड होते हुए गाड़ी बरही-मुजफ्फरपुर के रास्ते निकल जाती थी.