देवघर: पुलिस का कहना है कि बिना पति के डॉक्टर ने नाबालिग का प्रसव किस परिस्थिति में कराया. प्रसव कराने के पूर्व आखिर पुलिस को महिला डॉक्टर ने क्यों नहीं सूचित किया. इससे प्रमाणित है कि डॉक्टर इन घटनाओं को रोकने में पुलिस का सहयोग नहीं करते. डॉक्टर का रवैया अपराध छिपाने की श्रेणी सा प्रतीत हो रहा है. पुलिस डॉक्टर के कार्यकलापों को भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत की जायेगी.
वहीं इस संबंध में सूबे के स्वास्थ्य विभाग सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय को भी पत्रचार किया जायेगा. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भी लिखा जायेगा. बताते चलें कि खादी ग्रामोद्योग के मैनेजर सनोज राय व कैशियर अशोक राय पर डरा-धमका कर गैंग रेप कर गर्भवती करने की प्राथमिकी महिला थाने में दर्ज करायी गयी है. पीड़िता ने पहली मई को एक बच्ची को भी जन्म दी है.
डॉक्टर का आया था पत्र
महिला डॉक्टर श्रीमती पत्रलेख ने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि दो महीने पूर्व ही खादी भंडार कैंपस में बैठने वाले एक डॉक्टर (जेनरल फिजिशियन) ने फोन किया था. उन्होंने कहा था एक नाबालिग लड़की प्रीगनेंट है, जो गरीब है. उसे रियायत दर पर इलाज कर दिया जाये. इसके बाद उनका पत्र भी आया था. लिखा था कि पत्रवाहक गरीब है. उसकी 14 वर्षीय लड़की प्रीगनेंट है. डिलेवरी करा कर उसकी जिंदगी बचा दीजिये. पुलिस ने डॉ श्रीमती पत्रलेख से फिजिशियन डॉक्टर द्वारा लिखे पत्र की भी मांग की है. उन्होंने पुलिस से कहा कि पत्र कहीं रख दिये हैं, खोज कर उपलब्ध करा देंगे.
पांच हजार ले करायी थी डिलेवरी
महिला डॉक्टर श्रीमती पत्रलेख ने पुलिस को बताया कि पहली मई को दोपहर दो बजे पीड़िता को लेकर उसके पिता क्लिनिक में पहुंचे. उसे भरती कर जांच की गयी. साधारण प्रसव कराया गया. आम लोगों से साधारण प्रसव कराने पर पांच हजार रुपये लिया जाता है. सितारा के प्रसव में भी महिला डॉक्टर ने पांच हजार रुपये लेने की बात कही.
साक्ष्य संकलन में जुटी पुलिस
महिला थाने की पुलिस का कहना है कि वे लोग अभी इस कांड के साक्ष्य संकलन करने में जुटी हैं. जिस फिजिशियन डॉक्टर का नाम आया है, उनसे भी पूछताछ की जायेगी. उनका भी बयान लिया जायेगा. जरूरत पड़ने पर इन दोनों डॉक्टरों का कोर्ट में भी बयान कराने के लिए अरजी दी जायेगी.