अनेक लिखित उपलब्ध प्रमाणों से यह स्पष्ट होता है कि यूनानी रहस्यों की प्रथम दीक्षा नाटकों के मंचन के रूप में प्रारंभ हुई थी जिनमें पौराणिक कथाओं में निहित सत्य को बड़े स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया गया था. तत्कालीन यूनानवासी इन पौराणिक कथाओं से भली-भांति परिचित थे. इच्छुक साधक में दीक्षा के लिए आवश्यक संवेदनशीलता तथा ग्रहणशीलता उत्पन्न करने के उद्देश्य से उसे उपवास तथा आत्मशुद्धि की अनेक प्रक्रियाओं में से गुजरना पड़ता था. इसके बाद ही वे साधना की भूल-भूलैया में प्रविष्ट होता था, जहां उसे विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता था जो उसके स्नायु-संस्थान तथा स्मृति पर अमिट छाप छोड़ती थी. दीक्षा की इन तकनीकों तथा आधुनिक मनोवैज्ञानिक चिकित्सा एवं गेस्टाल्ट चिकित्सा पद्धति में बहुत साम्य है. इस चिकित्सा पद्धति में व्यक्ति की सुरक्षा तथा स्पर्धात्मक संरचना खुलकर सामने आती है.
प्रवचन:::: यूनानी रहस्यों को पौराणिक कथाओं में दर्शाया है
अनेक लिखित उपलब्ध प्रमाणों से यह स्पष्ट होता है कि यूनानी रहस्यों की प्रथम दीक्षा नाटकों के मंचन के रूप में प्रारंभ हुई थी जिनमें पौराणिक कथाओं में निहित सत्य को बड़े स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया गया था. तत्कालीन यूनानवासी इन पौराणिक कथाओं से भली-भांति परिचित थे. इच्छुक साधक में दीक्षा के लिए आवश्यक […]
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