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वर्षो बाद भी तीन थाने अपग्रेड नहीं
जनता के साथ पुलिस अधिकारियों को भी परेशानी आशीष कुंदन देवघर : जिले के चितरा, सोनारायठाढ़ी व कुंडा थाना बने कई वर्ष बीत गये. हर पांच साल में क्षेत्र के विधायक व सांसद भी बदलते गये. कई विधायक तो मंत्री तक भी बने, लेकिन इन तीनों थाना को पूर्ण थाना का दर्जा नहीं मिल सका […]
जनता के साथ पुलिस अधिकारियों को भी परेशानी
आशीष कुंदन
देवघर : जिले के चितरा, सोनारायठाढ़ी व कुंडा थाना बने कई वर्ष बीत गये. हर पांच साल में क्षेत्र के विधायक व सांसद भी बदलते गये. कई विधायक तो मंत्री तक भी बने, लेकिन इन तीनों थाना को पूर्ण थाना का दर्जा नहीं मिल सका है. इन तीनों महत्वपूर्ण थाने को अपग्रेड करने की दिशा में किसी जनप्रतिनिधि द्वारा ठोस पहल तक नहीं की गयी. वहीं विभाग के वरीय पदाधिकारियों द्वारा भी कभी इस दिशा में प्रयास नहीं किया जा सका है.
अगर जनप्रतिनिधियों व विभागीय पदाधिकारियों द्वारा ठोस पहल की गयी होती, तो तीनों थाने को अब तक पूर्ण थाना का दर्जा भी मिल गया होता. समय बीतने के साथ-साथ क्षेत्र की आबादी भी बढ़ती गयी. आबादी के हिसाब से क्षेत्र में नये थाने भी खुलने चाहिए. नया थाना खोलने की बात तो दूर अब तक इन तीनों थाने का अपग्रेड नहीं हो सका.
क्या होती है परेशानी
जिले के चितरा, सोनारायठाढ़ी व कुंडा थाने में केस रजिस्टर्ड नहीं होता है. वहां के पुलिस पदाधिकारी जनता की शिकायत तो जरूर लेते हैं, लेकिन चितरा का केस सारठ थाने में, सोनारायठाढ़ी का केस सारवां थाने में व कुंडा थाने का केस नगर, मोहनपुर तथा जसीडीह थाने में रजिस्टर्ड होता है. इस वजह से प्राथमिकी दर्ज कराने वाले को कॉपी विलंब से मिलती है. ऐसे में जहां जनता को कठिनाई हो रही है. वहीं इन तीनों थाने के पुलिस अधिकारियों को भी परेशानी होती है.
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