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कोर्ट में हुई पेशी, भेजे गये जेल

मधुपुर: डाउन पंजाब मेल के एसी कोच सफर कर रही एनआरआइ महिला डा सुलेखा चौधरी का बैग से हीरे व सोने के जेवरात समेत 80 लाख रुपये की चोरी मामले में रेल पुलिस ने कोच के टीटीइ डीके श्रीवास्तव, एसएन शर्मा समेत पेंटरीकार के बेयरा चरण दास व एसी मैकेनिक शंभु राम को गिरफ्तार किया […]

मधुपुर: डाउन पंजाब मेल के एसी कोच सफर कर रही एनआरआइ महिला डा सुलेखा चौधरी का बैग से हीरे व सोने के जेवरात समेत 80 लाख रुपये की चोरी मामले में रेल पुलिस ने कोच के टीटीइ डीके श्रीवास्तव, एसएन शर्मा समेत पेंटरीकार के बेयरा चरण दास व एसी मैकेनिक शंभु राम को गिरफ्तार किया है. इन सभी को पुलिस ने सोमवार को मधुपुर रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी तौफीकुल हसन के अदालत में प्रस्तुत किया. न्यायालय ने चारों को जेल भेज दिया.

पुलिस की इस कार्रवाई से आसनसोल रेल मंडल के टीटीइ यूनियन में काफी आक्रोश है और दो दिनों का मोहलत देते हुए हड़ताल पर जाने की चेतावनी दिया है. विदित हो कि पंजाब मेल में चोरी की घटना गत 30 अप्रैल को हुई थी. महिला लखनऊ से कोलकाता जा रही थी. इसी क्रम में उसका सारा सामान गायब हो गया था. मामले में मधुपुर रेल थाना में कांड संख्या 13/2013 अज्ञात चोरों के विरुद्ध दर्ज किया गया था. इस मामले में रेल पुलिस ने पूर्व में ही कोच के एक अन्य अटैंडेंट जामताड़ा जिला के नाला निवासी लखीकांत मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

रेल पुलिस ने बताया कि पंजाब मेल में कम से कम 480 किलोमीटर की दूरी तक कर सफर करने वाले यात्री ही सवार हो सकते हैं. इसके बाद भी घटना के दिन जसीडीह से दो यात्री बोगी में सवार हुए. इन लोगों ने बर्धमान का टिकट ही लिया था. जबकि आसनसोल में उक्त यात्री उतर गये. इनका नाम और पता रेल टीटीइ नहीं बता पाये, जो संदेह पैदा करता है.

समर्थन में उतरे अन्य सहकर्मी

वहीं टीटीइ के समर्थन में आये सहकर्मियों का कहना है कि वातानुकूलित कोच में कम से कम 160 किलोमीटर दूरी तक का टिकट लेना अनिवार्य है. उनलोगों को रेलवे से मिले टिकट बनाने का इएफटी बुक में यात्री का पता लिखने का प्रावधान नहीं है. इसीलिए इनलोगों को पता नहीं भरा जा सका. पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है और निदरेष रेल कर्मियों को बलि का बकरा बना रही है. इन रेल कर्मियों को चार बार पूर्व में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पांचवीं बार कल चितरंजन बुलाकर जीआरपी ने उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया. बिना अदालत वारंट के ही सभी को गिरफ्तार किया है.

क्या कहतें हैं एसीएम

चोरी का मामला पूरी तरह राज्य पुलिस के जिम्मे होता है. मामले में कोर्ट को फैसला लेना है. पकड़े गये रेल कर्मियों को नियम के अनुसार वे कानूनी सहायता मुहैया कराने आये हैं.

एसके सिन्हा, एसीएम,

आसनसोल रेलमंडल

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