देवघर: संतालपरगना में कुल 18 सीटों पर चुनाव हुए. इस बार संताल के मतदाताओं ने उच्च शिक्षा प्राप्त प्रत्याशियों को जनप्रतिनिधि चुनने में प्राथमिकता दी है. जो 18 विधायक इस बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. उनमें 11 विधायक उच्च शिक्षा प्राप्त यानी ग्रेजुएट और उससे ऊपर हैं.
इनमें से दो विधायक डॉक्ट्रेट (पीएचडी) हैं. जबकि दो विधायक पोस्ट ग्रेजुएट हैं. डॉक्ट्रेट में डॉ लुईस मरांडी-दुमका और डॉ अनिल मुमरू-लिट्टीपाड़ा हैं जबकि पोस्ट ग्रेजुएट में स्टीफन मरांडी-महेशपुर और इरफान अंसारी-जामताड़ा हैं. डॉ लुइस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हराया. वहीं डॉ अनिल मुमरू ने साइमन मरांडी को शिकस्त दी. दूसरी ओर स्टीफन ने मिस्त्री सोरेन और इरफान ने विष्णु भैया को हराया. ग्रेजुएट विधायकों में मधुपुर-राज पलिवार, गोड्डा-रघुनंदन मंडल, पोड़ैयाहाट-प्रदीप यादव, पाकुड़-आलमगीर आलम, बोरियो-ताला मरांडी, राजमहल-अनंत ओझा, नाला-रवींद्र नाथ महतो शामिल हैं.
सात विधायक हैं इंटर पास
11 उच्च शिक्षा प्राप्त विधायक के अलावा 7 विधायक अंडर ग्रेजुएट हैं. इनमे सबसे कम शिक्षित सारठ के नवनिर्वाचित विधायक रणधीर कुमार सिंह हैं. एफीडेविट के अनुसार वे दसवीं पास हैं. इंटर पास विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन-बरहेट, सीता सोरेन-जामा, बादल-जरमुंडी, नलिन सोरेन-शिकारीपाड़, नारायण दास-देवघर, अशोक कुमार-महगामा शामिल हैं.