मधुपुर: पुलिस उपाधीक्षक मधुपुर कार्यालय कहां है, इसकी जानकारी अधिकतर लोगों को नहीं हैं. एसडीपीओ कार्यालय का बोर्ड लगा पढ़ कर अगर आप डाकबंगला चले गये तो वहां पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय नहीं मिलेगा. जहां वर्तमान में कार्यालय संचालित है, वहां कोई बोर्ड नहीं है और न ही अधिकृत रूप से एसडीपीओ का सरकारी कार्यालय ही है.
एसडीपीओ कार्यालय पिछले पांच वर्षो से सरकारी आवास में ही चल रहा है. जिसमें गोपनीय शाखा नियमत: चलना है. लोगों को जब काम पड़ता है तो वे कार्यालय खोजते-खोजते सीधे एसडीपीओ साहब के आवास ही जा पहुंचते हैं.
वहां हमेशा दरवाजा बंद रहता है. दरवाजे के अंदर से संतरी खड़ा रहते हैं. संतरी द्वारा तरह-तरह के सवाल पूछने के बाद उन्हें मिलने या न मिलने की इजाजत दी जाती है. ऐसे में न्याय की आस में आये लोगों की कठिनाइयां और भी बढ़ जाती है. बताया जाता है कि जनवरी 1992 में मधुपुर अनुमंडल का गठन हुआ. इसके बाद से ही डाकबंगला परिसर में एसडीपीओ व एसडीओ का कार्यालय अगल-बगल में संचालित होता रहा, लेकिन पांच वर्ष पूर्व जब एसडीपीओ के पुराने कार्यालय के भवन का मरम्मत व रंग-रोगन होने लगा. उस समय तत्कालीन एसडीपीओ डोमन रजक ने कुछ दिनों के लिए अपने आवासीय परिसर में ही वहां से कार्यालय को ले आया. रंग-रोगन के बाद कार्यालय भी तैयार हो गया.
फिर भी कार्यालय आवास में ही चलता रहा. फिलहाल एसडीपीओ के पुराने कार्यालय को निर्वाचन शाखा बना दिया गया है. इसके एक कमरे में एसडीपीओ कार्यालय का सारा रिकॉर्ड बंद कर दिया गया. इधर, आवासीय परिसर में बोर्ड नहीं होने की वजह से लोगों को एसडीपीओ का कार्यालय समेत स्थायी कार्यालय ढुंढने में काफी परेशानी होती है.