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संदीप खोवाला को खोज रही है पुलिस व वाणिज्यकर टीम
रांची/देवघर : मुखौटा कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किये जाने के मामले में कोलकाता से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में एक नया नाम संदीप खोवाला का जुड़ गया है. संदीप की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करायी जा रही है. संदीप का संबंध देवघर से है और […]
रांची/देवघर : मुखौटा कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किये जाने के मामले में कोलकाता से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में एक नया नाम संदीप खोवाला का जुड़ गया है. संदीप की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करायी जा रही है. संदीप का संबंध देवघर से है और इस मामले में उसे ही मास्टरमाइंड माना जा रहा है.
कोलकाता से मोती सहित अन्य की गिरफ्तारी के बाद एक चौंकाने वाली बात सामने आयी है कि एक जूट मिल में काम करने वाले मजदूर मोती साव के नाम पर शातिरों ने साहा इंटरप्राइजेज नाम से एक कंपनी बना दी. इस कंपनी के नाम पर 107 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार भी कर लिया. कंपनी का पता देवघर का दिया गया था.
जिन तीन लोगों को देवघर पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें मोती साव, राजेश साव व विष्णु साव शामिल है. तीनों को ट्रांजिट रिमांड पर पुलिस देवघर ला रही है. तीनों शुक्रवार को देवघर पहुंच जायेंगे. इस मामले में शातिर संदीप खोवाला की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. मामले में देवघर के एक वकील से वाणिज्यकर विभाग रांची की टीम लगातार पूछताछ कर रही है.
रांची से पहुंचे वाणिज्यकर विभाग की टीम में ज्वाइंट कमिश्नर शिव सहाय सिंह, डिपुटी कमिश्नर अखिलेश शर्मा, एसिस्टेंट कमिश्नर रजनीश समद व पीडब्लूसी सीनियर कंसल्टेंट विकास साव शामिल हैं. गिरफ्तार मोती समेत अन्य से पूछताछ के बाद और भी नये तथ्य सामने आ सकते हैं.
साइबर डीएसपी के नेतृत्व में टीम गयी थी कोलकाता : देवघर की साइबर डीएसपी नेहा बाला के नेतृत्व में छापेमारी टीम मोती साव, राजेश साव व विष्णु साव को गिरफ्तार करने कोलकाता गयी थी. वहां के कोर्ट से प्राप्त ट्रांजिट रिमांड पर तीनों को कोलकाता से लेकर छापेमारी टीम वापस लौट रही है. साइबर डीएसपी के अलावे छापेमारी टीम में सीसीआर इंस्पेक्टर बाल्मीकि कुमार, मधुपुर इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रसाद, एएसआइ रामानुज सिंह व सशस्त्र पुलिस बल शामिल हैं.
दो कंपनियों के नाम पर किया 214 करोड़ का खेल
देवघर की साहा इंटरप्राइजेज व ओम ट्रेडिंग नाम की दो कंपनियों के नाम पर 214 करोड़ रुपये के कारोबार का दावा किया गया. लेकिन कारोबार के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी. बाद में दोनों कंपनियों के नाम पर करीब 24-24 करोड़ रुपये का आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के आधार पर करीब 48 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद किया गया. पूर्व में दोनों कंपनियों के खिलाफ देवघर नगर थाना में दो एफआइआर किया गया था.
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