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खेती को बनाया व्यवसाय सालाना सात लाख कमाई
देवघर : देश भर में इन दिनों पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी को लेकर बहस छिड़ी हुई है. वहीं दूसरी ओर देवघर के किसान वकील यादव ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुश्तैनी खेती को ही रोजगार बना कर रोल मॉडल बन गये हैं. शंकर पंचायत के पदनबेहरा गांव निवासी वकील […]
देवघर : देश भर में इन दिनों पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी को लेकर बहस छिड़ी हुई है. वहीं दूसरी ओर देवघर के किसान वकील यादव ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुश्तैनी खेती को ही रोजगार बना कर रोल मॉडल बन गये हैं. शंकर पंचायत के पदनबेहरा गांव निवासी वकील ने न केवल अपनी इस पुश्तैनी खेती-बारी को योजनाबद्ध तरीके से रोजगार का रूप दिया, बल्कि आज वह खेती के बाद डेयरी, मछली पालन व पॉल्ट्री फॉर्म के बिजनेस में काफी आगे बढ़ गये हैं.
12 एकड़ की जमीन पर खेती, मछली पालन, पशु पालन व पॉल्ट्री फॉर्म का बिजनेस कर वकील सालाना सात लाख रुपये कमा रहे हैं. वकील की इस लग्न व मेहनत को देखते हुए कृषि विभाग, झारखंड सरकार ने उन्हें नयी तकनीकी से खेती करने का गुर सीखाने के लिए इस्राइल भेजने का निर्णय लिया है. 26 अगस्त को राज्य के पांच किसान व अधिकारियों के साथ वकील यादव इस्राइल जायेंगे. वकील के साथ सभी किसानों को मुख्यमंत्री रघुवर दास व कृषि मंत्री रणधीर सिंह रवाना करेंगे.
परिवार में खुशी की लहर : वकील का नाम इस्राइल भेजे जाने वालों की सूची में आने के बाद परिजनों में खुशी की लहर है. वकील के पिता नुनेश्वर यादव, बड़े चाचा तेजो यादव समेत मां, पत्नी, भाई व बच्चों में एक उत्साह है. वकील बताते हैं कि उनका संयुक्त परिवार है. परिवार में 15 सदस्य हैं. इस्राइल में कम पानी में खेती करने के भी तरीके बताये जायेंगे. 30 अगस्त तक इस प्रशिक्षण में जो भी जानकारी मिलेगी, उसे अपने जिले के किसानों को नि:शुल्क बतायेंगे.
धान से एक लाख व सब्जी से डेढ़ लाख की आमदनी
वकील पांच एकड़ जमीन पर धान व एक एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं. धान की फसल से एक लाख व खरीफ-रबी सब्जी से डेढ़ लाख रुपये सालाना की आमदनी हो जाती है. इसके साथ ही मकई व मूंग समेत तेलहन-दलहन व गेंदा फूल की भी खेती में 50 हजार रुपये कमाई करते हैं. अब उद्यान विभाग से वकील नर्सरी भी लगा रहे हैं. नेट में टमाटर, पपीता, बैंगन समेत रबी सब्जियों का पौधा तैयार कर रहे हैं.
मछली में डेढ़ लाख व मुर्गा पालन में 50 हजार की कमाई
वकील यादव ने कहा कि खेती को विस्तार करने में सरकार की मनरेगा, कृषि, आत्मा, उद्यान व मत्स्य विभाग का बड़ा योगदान है. मनरेगा से उनकी जमीन पर सात डोभा, एक तालाब व तीन कुआं का निर्माण समेत बंजर जमीन की मेढ़बंदी मनरेगा से करायी गयी. अभी मनरेगा से बिरसा मुंडा बागवानी मिशन के तहत जमीन में 224 आम के नये पौधे व मूंग लगाये गये हैं. मनरेगा के डोभा व तालाब में मत्स्य विभाग मछली के बीज का उत्पादन करते हैं. प्रत्येक वर्ष डेढ़ लाख की मछली का बीज देवघर से सिकटिया बराज तक बेचते हैं. पॉल्ट्री फॉर्म में छह माह के धंधे में 50 हजार रुपये की कमाई कर लेते हैं.
पहली बार ओल की खेती में हुई थी 1.10 लाख की कमाई
वकील यादव बताते हैं कि खेती-बारी ही उनकी पुश्तैनी रोजी-रोजगार है, लेकिन पहले केवल धान व सब्जी की खेती पूर्वज किया करते थे. 2012 में उन्होंने पहली बार ओल की खेती की थी, इसमें 1.10 लाख रुपये की आमदनी हुई. इसके बाद अलग-अलग फसल, फल व फूल की खेती शुरू की. 2005 में भारतीय मानव विकास सेवा संस्थान के सचिव ओमप्रकाश सिंह के माध्यम से राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वकील के पांच एकड़ जमीन पर 300 आम के पौधे लगाये गये. पिछले चार वर्षों के दौरान वकील प्रत्येक वर्ष डेढ़ लाख रुपये तक के आम बेचते हैं.
30 लीटर दूध का भी उत्पादन
गांव में प्राय: हर किसान के पास गाय होती है, लेकिन वकील ने पशु पालन को भी रोजगार के रूप में आगे बढ़ाया. घर में पहले दो-तीन छोटी गाय थी, तो उसने गव्य विकास विभाग से पांच गाय की मिनी डेयरी का ऋण लिया. वकील ने बताया कि पांच लीटर दूध घर में रखते हैं, शेष 25 लीटर मेधा डेयरी व बाजार में बेचते हैं. दूध से सालाना 50 हजार रुपये की कमाई होती है.
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