देवघर: टॉल टैक्स वसूली की अनुमति दिये जाने के मामले में नगर निगम प्रबंधन फंसता नजर आ रहा है. सीइओ ने बिना पूर्ण बोर्ड की सहमति के ही टेंडर कर वसूली का आदेश दे दिया था. मगर अब सीइओ ने संवेदक नीरज सर्राफ के नाम दुबारा पत्र जारी कर टैक्स वसूली को स्थगित करने का आदेश दिया है. इसके पीछे सीइओ ने पूर्ण बोर्ड में प्रस्ताव को पारित कराने की बात कही है.
हालांकि इससे पूर्व भी जिले के एक प्रशासनिक पदाधिकारी ने म्यूनिसिपल एक्ट अधिनियम का हवाला देते हुए टैक्स वसूली पर रोक लगा दिया था. बाद में संवेदक द्वारा कानूनी प्रक्रिया का लाभ लेने के बाद मामला ठंडा पड़ गया. दोनों पक्षों में आपसी सामंजस्य के आधार पर पुन: टैक्स वसूली शुरू तो कर दी गयी. मगर नगर निगम के डिप्टी चेयरमैन ने सीइओ को पत्र लिख कर टॉल टैक्स वसूली के लिए किये टेंडर की अनुमति व वाहनों के लिए निर्धारित किये दर के संबंध में सवाल खड़े कर दिये.
डिप्टी मेयर ने इस पत्र की प्रतिलिपि राज्य के मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, मुख्य सचिव, सचिव नगर विकास विभाग,आयुक्त संताल परगना, उपायुक्त व मेयर को प्रेषित कर दिया. नतीजा यह हुआ कि सीइओ ने 19 मई को अपने कार्यालय से पत्र जारी कर अगले आदेश तक बाहरी वाहनों से टॉल टैक्स वसूली की बंदोबस्ती को स्थगित कर दिया है. अपने पत्र में उन्होंने बंदोबस्ती की प्रक्रिया के लिए 26 अप्रैल को जारी पत्रंक-1069 व तीन मई को जारी पत्रंक-1095 को निष्प्रभावी करार दिया है. सीइओ के निर्देश के बाद बैरियर से टॉल टैक्स वसूली बंद हो गयी है.