सेफ जोन में रहने वाला व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता. उन्होंने चढ़ाई की तैयारियां कैसे की, उसके बाद पर्वतारोहण के दौरान किन खतरों से गुजरे, यह सब बताया. ऑक्सीजन की कमी, चट्टानों व बर्फ की श्रृंखलाओं को पार करने के अपने सफर में गाइड की भूमिका को विस्तार से लोगों के समक्ष बयान किया. आशीष का सपना एक एडवेंचर क्लब का गठन करना है. उन्होंने पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए कहा कि वे झारखंड के डाल्टेनगंज के अपने हॉस्टल के समीप जंगलों व पहाड़ों पर चढ़ा करते थे.
चढ़ाई के दौरान बर्थ डे के दिन उन्हीं शेरपाअों व गाइडों की अोर से केक काट कर किये गये सेलिब्रेशन के पल को भी साझा किया. आशीष ने जलवायु परिवर्तन से ग्लेशियरों के पिघलने व उससे उत्पन्न खतरों के प्रति सचेत किया. साथ ही इको सिस्टम का बैलेंस बनाये रखने के लिए पहाड़ों की चोटी पर गंदगी न फैलाने की अपील की. अंत में एसडीअो रामनिवास यादव ने प्रभात खबर की अोर से आशीष को मोमेंटो दे कर सम्मानित किया. इससे पूर्व संपादक संजय मिश्र ने किलिमंजारों की चोटी को फतह करने वाले आशीष सावर्णा का लोगों से परिचय कराया. इस अवसर पर दिल्ली से आये पत्रकार धनंजय व प्रो रामनंदन सिंह ने भी अपने विचार रखे. मौके पर आशीष के माता-पिता अनु पांडेय व जयेश पांडेय समेत चेतना विकास के सचिव कुमार रंजन, पर्यावरणविद रजत मुखर्जी, डीएसए के उपाध्यक्ष सुरेशानंद झा, वीरेंद्र सिंह, विपिन देव, विनोद वर्मा, दीपक कुमार, विनोद कुमार समेत प्रभात खबर के सभी कर्मी मौजूद थे.