सत्संग आश्रम के प्रधान आचार्य देव श्रीश्री दादा एवं उनके परिवार द्वारा देवघर उपायुक्त डॉ नितिन कुलकर्णी के नाम से वर्ष 2013 में जारी फर्जी पत्र के आधार पर धार्मिक कार्यों के लिए झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों का भ्रमण किया.
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क्राइम: डीसी ने जांच व प्राथमिकी दर्ज करने के दिये निर्देश, सत्संग आश्रम के नाम पर फर्जीवाड़ा
देवघर : सत्संग आश्रम के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आने के बाद उपायुक्त देवघर राहुल कुमार सिन्हा ने एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट की अगुआई में जांच का आदेश दिया है. एसडीपीओ दीपक पांडेय को भारतीय दंड विधान की सुसंगत धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई का निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया है. […]
देवघर : सत्संग आश्रम के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आने के बाद उपायुक्त देवघर राहुल कुमार सिन्हा ने एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट की अगुआई में जांच का आदेश दिया है. एसडीपीओ दीपक पांडेय को भारतीय दंड विधान की सुसंगत धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई का निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया है.
भ्रमण यात्रा के लिए फर्जी पत्र में वाहनों के आवागमन की अनुमति दी गयी है. पत्र में वाहनों की संख्या डीएल 1 सीके 1234, एचपी 14 7577, जेएच 15 जी 7700, एएस 01 जेड 3169 एवं जेएच 15ई 1601 का उल्लेख है. इसका खुलासा रविवार को तब हुआ जब अपने आपको सत्संग आश्रम का सहायक सचिव बताने वाले शिवानंद प्रसाद गोपनीय शाखा देवघर पहुंचे. वो अपने साथ रखे प्रमाण पत्र को दिखाते हुए गोपनीय शाखा में उपायुक्त से मिलने की बात करने लगे. प्रमाण पत्र की सत्यता के लिए कार्यालय की पंजी खंगाली गयी. पंजी से मिलान करने पर पता चला कि इस प्रकार का कोई प्रमाण पत्र वर्ष 2013 में जारी ही नहीं हुआ था. प्रमाण पत्र डॉ नितीन कुलकर्णी के हस्ताक्षर, उपायुक्त देवघर के पद नाम व कार्यालय मुहर लगाकर जारी किया गया है, जबकि डॉ नितीन कुलकर्णी वर्ष 2013 में उपायुक्त देवघर के पद पर कार्यरत नहीं थे. इस प्रकार प्रमाण पत्र संदेहास्पद प्रतीत होता है.
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