मुनिया देवी के चार पुत्र थे. पति मनीर मियां व चारों पुत्र अलग-अलग काम से घर से बाहर थे. परिवार की रोजी-रोटी का मुख्य साधन तालाब में मछली पालना व पकड़ कर बेचना था. वहीं एक पुत्र का टायर का पंक्चर साटने की दुकान थी.
घटना से परिवार से सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है.घटना के बाद परिवार के सदस्यों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. आपसी सहमति के बाद सभी को मुस्लिम-रीति रिवाज से दफन किया गया.