देवघर: विक्रमशिला व कहलगांव के लोगों की काफी पुरानी मांग कि भागलपुर के बटेश्वर स्थान के पास गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल का निर्माण हो, निकट भविष्य में पूरा होनेवाला है. लोगों की मांग को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में उठाया और केंद्रीय मंत्रियों से मिल कर रेल सह सड़क पुल की मांग की. नतीजतन 2016 के रेल बजट में बटेश्वर स्थान में रेल पुल की स्वीकृति मिल गयी.
इस संबंध में गोड्डा सांसद ने बताया कि उन्होंने पत्र लिखा कि वहां पुल स्वीकृत है ही, साथ ही सड़क पुल भी बन जाये, तो इस इलाके की कनेक्टिविटी बेहतर हो जायेगी. सांसद की पहल पर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र भेज कर प्रस्ताव दिया है कि साथ मिल कर रेल सह सड़क पुल का निर्माण करवायेंगे. इस प्रस्ताव की संभावनाओं पर रेलवे बोर्ड को विचार करने को कहा गया है.
बटेश्वर स्थान में जरूरी है रेल सह सड़क पुल : रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को लिखे पत्र में एनएचएआइ के चेयरमैन ने रेल सह सड़क पुल क्यों जरूरी है, इसकी जानकारी दी है. एनएचएआइ ने बटेश्वर स्थान पर स्थल जांच ने पाया कि वर्तमान में भागलपुर में टू लेन ब्रिज है, जो बटेश्वर स्थान से 43 किमी दूर है. वहीं साहेबगंज में बननेवाला फोर लेन ब्रिज भी यहां से 40 किमी दूर है. इस तरह बटेश्वर स्थान से दोनों पुल की दूरी लगभग 80 किमी है. इसलिए इस एरिया के लोगों को गंगा नदी पार करने में काफी परेशानी होती है. भागलपुर और साहेबगंज के बीच गंगा नदी पर अभी तक कोई पुल स्वीकृत नहीं है.
रेलवे की सहमति के बाद बनेगा डीपीआर : रेल सह सड़क पुल निर्माण के लिए रेलवे और नेशनल हाइवे अथॉरिटी को संयुक्त रूप से काम करना है. इसलिए दोनों के बीच सहमति बनते ही इस रेल सह सड़क पुल का डीपीआर तैयार होगा. यह पुल बिहार के कहलगांव में एनएच-80 और रंगरा एनएच-31 को जोड़ेगा. इस पुल के बन जाने से इस इलाके का आर्थिक विकास होगा. यह पुल संताल परगना के औद्योगिक व धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण होगा.
वर्ष 2016 के रेल बजट में ही रेल पुल स्वीकृत हो गया है. अब सड़क पुल भी साथ-साथ बनने की पहल की है. केंद्रीय मंत्री से भी बात हो गयी है. रेलवे और एनएचएआइ दोनों को पत्र लिखे हैं. एनएचएआइ रेलवे के साथ मिल कर सड़क बनाने को तैयार है. रेल सह सड़क पुल बन जाने से धार्मिक, पर्यटन और व्यापार की दृष्टि से फायदेमंद होगा.
-निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा लोकसभा