हिंदू धार्मिक न्याय बोर्ड के पिटीशन में जतायी गयी है अापत्ति
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अधिकार के लिए सरदार पंडा गये कोर्ट, 26 को सुनवाई
हिंदू धार्मिक न्याय बोर्ड के पिटीशन में जतायी गयी है अापत्ति देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा गद्दी की दावेदारी को लेकर दाखिल एक्सक्यूसन केस नंबर 7/2017 अजीतानंद ओझा व अन्य बनाम स्टेट ऑफ झारखंड में शनिवार काे दो अलग-अलग पिटीशन दाखिल किया गया है. पहला पिटीशन डिक्रीधारक अजीतानंद ओझा की ओर से […]
देवघर : बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सरदार पंडा गद्दी की दावेदारी को लेकर दाखिल एक्सक्यूसन केस नंबर 7/2017 अजीतानंद ओझा व अन्य बनाम स्टेट ऑफ झारखंड में शनिवार काे दो अलग-अलग पिटीशन दाखिल किया गया है. पहला पिटीशन डिक्रीधारक अजीतानंद ओझा की ओर से सच्चिदानंद ओझा ने दाखिल किया है, जबकि दूसरा आवेदन स्पेशल ऑफिसर झारखंड सरकार हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से दाखिल किया गया है.
दोनों दाखिल पिटीशन काे आवेदकाें के अधिवक्ताआें की ओर से संचालित किया गया. इस वाद के प्रतिवादी स्टेट ऑफ झारखंड द्वारा डीसी देवघर की ओर राजकीय अधिवक्ता बालेश्वर प्रसाद सिंह ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि दोनों पिटीशन का प्रत्युतर देंगे. इसके लिए समय की याचना की. अदालत ने इसके लिए सुनवाई की अगली तिथि 26 जुलाई 2017 काे निर्धारित कर दी गयी है.
सरदार पंडा की ओर से दाखिल पिटीशन में क्या है उल्लेख : कोर्ट में डिक्रीधारक अजीतानंद ओझा की ओर से सच्चिदानंद ओझा ने पिटीशन शनिवार को दाखिल किया है. इसमें कहा है कि डिक्रीधारकों को सेशन जज चार लोलार्क दुबे की अदालत द्वारा जो डिक्री मिली है,उसका शत प्रतिशत अनुपालन नहीं हो रहा है. सरदार पंडा की गद्दी पर अजीतानंद ओझा काे विराजमान तो करा दिया गया है, लेकिन पूजा-अर्चना के लिए सामग्रियाें व अन्य मद में होने वाले व्यय उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इतना ही नहीं पूजा के लिए आने वाले भक्तों काे भी आशीर्वाद के लिए भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है. इन बिंदुओं पर कोर्ट से उचित आदेश पारित करने की याचना की गयी है.
अधिकार के लिए सरदार पंडा…
डिक्रीधारक की ओर से अधिवक्ता केसी तिवारी ने पक्ष रखा.
हिंदू धार्मिक न्याय बोर्ड के पिटीशन में जतायी गयी है अापत्ति
स्पेशल ऑफिसर झारखंड सरकार हिंदू धार्मिक न्याय बोर्ड की ओर से दाखिल पिटीशन में डिक्रीधारक के दावों पर आपत्ति जतायी गयी है. हिंदू रिलीजीयस ट्रस्ट बोर्ड की ओर से उनके अधिवक्ता निलांजन गांगुली ने पिटीशन दाखिल दिया है. इसमें कहा गया है कि सेशन कोर्ट द्वारा जो डिक्री दी गयी है, उसमें डिक्रीधारक को किसी भी प्रकार का वित्तिय अधिकार नहीं दिया गया है. इन्हें सिर्फ पूजा पाठ तक ही सीमित रखा गया है,
लेकिन एक्सक्यूसन केस में डिक्रीधारक ने अपने को ट्रस्टी बनाये जाने का दावा किया है जो आदेश के प्रतिकूल है. यह भी अनुरोध किया है कि इस वाद में धार्मिक न्यास बोर्ड अपना पक्ष विस्तार से लिखित रूप में रखेगी. इसके लिए समय की याचना कोर्ट से की गयी है.
प्रत्युतर के लिए निर्धारित की गयी है तिथि
इस मामले में दाखिल दोनाें आवेदनों पर सरकार की ओर से प्रत्युतर दिया जायेगा. इसकी याचना विपक्षी की ओर से की गयी है. कोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकृत कर लिया है व अगली तिथि 26 जुलाई को मुकर्रर की है.
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सरकार की ओर से दिया जायेगा प्रत्युतर, मांगा समय
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