कुंदा : कुंदा के जंगलों में इन दिनों पत्थरों का अवैध उत्खनन जोरों पर है. उत्खनन से पेड़-पौधे नष्ट हो रहे हैं. उक्त पत्थरों का इस्तेमाल सड़क व पुल-पुलिया निर्माण में किया जा रहा है़ संवेदक उक्त पत्थरों को सस्ती दर पर खरीद कर काम में ला रहे हैं.
जगन्नाथपुर, नवादा, शाहपुर, बनियाडीह, हारुल, अखरा, टिकैत बांध, मेदवाडीह व बौधाडीह समेत कई जंगलों से अवैध ढंग से पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है़ हर रोज 20-25 ट्रैक्टर से पत्थरों की ढुलाई की जा रही है. पिछले पांच वर्षो से उक्त क्षेत्र में पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है़.
वन भूमि पर अतिक्रमण : वन विभाग के अधिकारियों व वनरक्षियों के यहां नहीं रहने के कारण लोग अवैध ढंग से पत्थर का उत्खनन कर रहे हैं. साथ ही पेड़ों की कटाई व वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं. सैकड़ों एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया है़ ग्रामीणों ने बताया कि यही स्थिति रहा तो कुंदा जंगल विहीन हो जायेगा़ जिले में कुंदा की पहचान घंने जंगल के रूप में है, लेकिन अब यही जंगल उजड़ता जा रहा है. वहीं वन विभाग के अधिकारी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र का बहाना बना कर क्षेत्र का भ्रमण नहीं करते है.