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टूटी-फूटी झोपड़ी में परिवार संग है रह रहा है बंशी भुइयां
मयूरहंड : रहने को घर नहीं है व सोने को बिस्तर नहीं है. दिन भर कमाता है, तो बीमार पत्नी का इलाज कराता व परिवार को चलाता हैं. यह दास्तां है मायापुर निवासी बंशी भुइयां की़ टूटी-फूटी झोपड़ी में रहता है उसका पूरा परिवार. वह पत्नी रुखिया देवी, पुत्र सकेंद्र भुइयां, पुत्रवधु पिंकी देवी, दो […]
मयूरहंड : रहने को घर नहीं है व सोने को बिस्तर नहीं है. दिन भर कमाता है, तो बीमार पत्नी का इलाज कराता व परिवार को चलाता हैं. यह दास्तां है मायापुर निवासी बंशी भुइयां की़ टूटी-फूटी झोपड़ी में रहता है
उसका पूरा परिवार. वह पत्नी रुखिया देवी, पुत्र सकेंद्र भुइयां, पुत्रवधु पिंकी देवी, दो पुत्री फुलमती कुमारी, खुशबू कुमारी, पोता आकाश व विकास व पोती शिवानी व सपना के साथ एक झोपड़ी में रहता है. पिछली वर्ष बरसात में उसका कच्चा मकान गिर गया था़ इसके बाद अब तक इंदिरा आवास नहीं मिला है़ बरसात में उसे अपने भाई केदार भुइयां के घर में रहना पड़ता है.
मकान बनाने में है असमर्थ : बंशी भुइयां की पत्नी रुखिया देवी कई माह से बीमार है़ वह किडनी व लीवर रोग से पीड़ित है़ बंशी ने बताया कि मजदूरी से जो पैसा कमाता है उससे पत्नी का दवा खरीदता है व परिवार का पेट पालता है. पैसा के अभाव में पत्नी का समुचित इलाज नहीं करा पा रहा है और ना ही मकान बना पा रहा है.
मुखिया ने कहा
मुखिया मिकी देवी ने कहा कि सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना आवंटित करते ही बंशी को इंदिरा आवास देंगे़
बीडीओ ने कहा
बीडीओ विनय कुमार लाल ने कहा कि बंशी भुइयां के हालात की जानकारी नहीं है़ जांच कर उसे समुचित सहयोग करेंगे़
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