इटखोरी : शेरद गांव निवासी नरसिंह साव इटखोरी बाजार में ठेला पर इमरती बेच कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. नरसिंह साव का बचपन कोलकाता में बीता है.
नरसिंह ने वहीं एक होटल में नौकरी की और इमरती बनाने का गुर सीखा. लगभग 20 साल तक कोलकाता में जीवन व्यतीत कर पांच साल से इटखोरी में ठेला पर इमरती बेच रहे हैं. नरसिंघ ने बताया कि इमरती बेच कर वे अपने 13 सदस्यीय परिवार को पाल रहे हैं.
शाम होते ही ठेला पर इमरती खाने वालों की भीड़ लगने लगती है. इनके हाथों की बनायी इमरती इतनी प्रसिद्ध हो गयी है कि लोग इन्हें कोलकाता इमरती वाला कह कर बुलाने लगे हैं. नरसिंह भाई की इमरती का स्वाद चखने दूर-दूर से लोग आने लगे हैं. इमरती के साथ-साथ समोसा व ब्रेड चॉप भी बना कर बेचते हैं. इस कार्य में परिवार के अन्य सदस्य भी हाथ बंटाते हैं.