चतरा : मानवाधिकार दिवस के मौके पर मंगलवार को ग्रामोदय चेतना केंद्र में महिला हिंसा के विरुद्ध सेमिनार का आयोजन किया गया. संस्था की सचिव सबिता बनर्जी ने कहा कि महिलाओं के प्रति आज भी समाज का दृष्टिकोण नहीं बदला है. महिलाओं के साथ दिन-प्रतिदिन हिंसा व अन्य घटनाएं बढ़ती जा रही है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को हिंसा से मुक्ति दिलाने के लिए घरेलू हिंसा निषेध अधिनियम 2005 बनाये गये हैं, लेकिन सरकार इस नियम के अनुपालन पर ध्यान नहीं दे रही है. इस कानून के तहत प्रत्येक जिले में एक संरक्षण पदाधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है, जो कि राज्य के किसी भी जिले में नहीं है. इस कानून के अनुपालन से महिलाओं को न्याय के साथ-साथ हिंसा से भी निजात मिल सकती है.
परंतु सरकार इस ओर उदासीन है. उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार पर रोक लगाने के लिए जन प्रतिनिधियों व महिलाओं को सशक्त होना पड़ेगा. वहीं महिला थाना प्रभारी अवध बिहारी वर्मा ने कहा कि महिला थाना में महिलाएं नि:संकोच अपनी समस्याएं दर्ज करा सकती है.
महिलाओं को त्वरित न्याय मिलेगा. जिप उपाध्यक्ष देवनंदन साहू ने कहा कि महिला हिंसा के विरुद्ध संवेदनशील होकर ही समाज को विकास की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है. महिलाओं को वे सारे अधिकार मिले हैं, जो पुरुषों को मिले हैं.
कार्यक्रम को राजद जिलाध्यक्ष चंद्रदेव गोप, मुखिया कुमार विवेक, अनिता यादव, व्याख्याता सुधा कुमारी आदि ने संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम सात सूत्री मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया.