जयमंगल पांडेय की छठी पीढ़ी की बहू प्रतिमा पांडेय ने कहा कि देश को आजाद कराने में चतरा जिले के सपूतों ने अपनी कुर्बानी दे दी. इतिहास के पन्नों में आज उनका नाम सिमटते जा रहा है. दोनों स्वतंत्रता सेनानियों को आज के दिन अंग्रेजों ने फांसीहारी तालाब के पास एक आम के पेड़ में फांसी दे दी गयी थी. प्रत्येक वर्ष पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करते आ रहे हैं.
पुण्यतिथि पर जिला प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी के उपस्थित नहीं होने पर उन्होंने रोष जताया. उन्होंने जिला प्रशासन से तालाब के सौंदर्यीकरण व भव्य स्मारक बनाने की मांग की. साथ ही चतरा के सभी प्रवेश द्वार को जयमंगल पांडेय व नादिर अली साह के नाम से करने की मांग की. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की याद में एक बड़ा स्मारक बनाया जाता तो फांसीहारी तालाब का विकास होने के साथ-साथ चतरा जिले के वीर शहीदों के नाम से जाना जाता. इस अवसर पर जयमंगल पांडेय के परिजन सच्चिदानंद पांडेय, नागेंद्र तिवारी, जीवलाल तिवारी, मंजू पांडेय, सोहवा देवी, पार्वती देवी, शशिकला देवी, राजेंद्र सिंह, भुनेश्वर पांडेय, अवध किशोर तिवारी आदि ने श्रद्धांजलि दी.