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बिना तैयारी सरकारी स्कूलों में केजी की पढ़ाई शुरू, पाठ्य सामग्री भी नहीं मिली

रांची/बोकारो: सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2017-18 से केजी की पढ़ाई शुरू की गयी है. पर बिना पूरी तैयारी के ही बच्चों का नामांकन विद्यालयों में ले लिया गया. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा प्रारंभ में चार से छह वर्ष तक के बच्चों का नामांकन केजी कक्षा में लेने को कहा गया. इसके बाद […]

रांची/बोकारो: सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2017-18 से केजी की पढ़ाई शुरू की गयी है. पर बिना पूरी तैयारी के ही बच्चों का नामांकन विद्यालयों में ले लिया गया. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा प्रारंभ में चार से छह वर्ष तक के बच्चों का नामांकन केजी कक्षा में लेने को कहा गया.
इसके बाद पांच से छह वर्ष तक के बच्चों को ही केजी कक्षा में रखने को कहा जा रहा है.
ऐसे में अगर चार से पांच वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों का केजी कक्षा में नामांकन हो गया है, तो उसे पुन: वापस आंगनबाड़ी भेजा जायेगा. सरकारी विद्यालय में अब तक कक्षा एक से पढ़ाई शुरू होती थी. छह वर्ष के बच्चों का नामांकन लिया जाता था. अब तक छह वर्ष से कम आयु के बच्चों का पाठन-पाठन आंगनबाड़ी के माध्यम से होता था. विभाग के इस आदेश के बाद कि चार से छह वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का केजी में नामांकन होगा. इससे आंगनबाड़ी में बच्चों के नामांकन को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गयी है.

अब विभागीय पदाधिकारी द्वारा चार से पांच वर्ष के बच्चों का नामांकन स्कूलों में केजी में नहीं लेने को कहा गया है. नामांकन के साथ-साथ बच्चों के पाठन-पाठन के लिए किताब व अन्य पठन सामग्री भी स्कूलों को उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस कारण जिन बच्चों का नामांकन लिया गया है, उनका पठन-पाठन नहीं शुरू हुआ है.

मध्याह्न भोजन को लेकर दिशा-निर्देश नहीं : सरकारी विद्यालयों में कक्षा से एक से आठ तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है. स्कूलों को अब तक कक्षा एक से पांच व कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन को लेकर निर्देश दिया जाता था. केजी के बच्चों के मध्याह्न भोजन पर आनेवाला खर्च व अन्य दिशा-निर्देश स्कूलों को नहीं दिया गया है.
स्कूल में पहले से है शिक्षकों की कमी
झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव यागेंद्र तिवारी ने कहा है कि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को स्कूलों में केजी की पढ़ाई शुरू करने के पूर्व सभी तैयारी पूरी करनी चाहिए थी. स्कूलों को अब तक स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है. इससे शिक्षकों के बीच भी पठन-पाठन को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. स्कूलों में पहले से ही शिक्षकों की कमी है, ऐसे में एक और कक्षा का बोझ डालने से पठन-पाठन और प्रभावित होगा. प्री स्कूलिंग के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया है. सरकार शिक्षा में केवल प्रयोग कर रही है.
स्कूलों को स्पष्ट रूप से देना चाहिए दिशा-निर्देश
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा है कि सरकारी विद्यालयों में केजी में नामांकन तो ले लिया गया, पर पूरी तैयारी नहीं की गयी. केजी की पढ़ाई को लेकर शिक्षक व अभिभावक दोनों में दुविधा की स्थिति है. जिला स्तर पर भी सभी जिलाें में इस संबंध में अब तक स्कूलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है. केजी का पठन-पाठन शुरू करने को लेकर स्कूलों काे स्पष्ट दिशा-निर्देश दिया जाये. ताकि शिक्षकों को इस संबंध में पूरी जानकारी हो और बेहतर ढंग से केजी में पठन-पाठन शुरू हो सके.

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