नोटबंदी वैवाहिक आयोजनों को ले टेंट हाउस व वेडिंग हाउस के सामने परेशानी
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उधार से खड़ा हो रहा टेंट, बज रही शहनाई
नोटबंदी वैवाहिक आयोजनों को ले टेंट हाउस व वेडिंग हाउस के सामने परेशानी बोकारो : शादी का मौका किसी भी घर के लिए उत्साहजनक माहौल लेकर आता है. बैंड, बाजा व बारात की खुशियां से घर-आंगन महक उठता है. कार्तिक पूर्णिमा बीत जाने के बाद फिर से पावन लगन का मौका आया है. लेकिन इस […]
बोकारो : शादी का मौका किसी भी घर के लिए उत्साहजनक माहौल लेकर आता है. बैंड, बाजा व बारात की खुशियां से घर-आंगन महक उठता है. कार्तिक पूर्णिमा बीत जाने के बाद फिर से पावन लगन का मौका आया है. लेकिन इस बार यह मौका कुछ समस्या भी साथ लेकर आया है. विमुद्रीकरण की समस्या. 500 व 1000 के पुराने नोट बंद होने के बाद शादी समारोह को सफल बनाना चुनौती से कम नहीं. परेशानी सिर्फ शादी वाले परिवार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि टेंट हाउस व वेडिंग हाउस संचालकों के सामने भी है.
आपसे पुराना रिश्ता है पुराना नोट ले लीजिए : नोटबंदी के बाद टेंट हाउस संचालकों पर शादी पक्ष की ओर से पुराना नोट लेने का दबाव बनाया जा रहा है. दबाव बनाने के लिए दुकानदार से पुराना संबंध होने की बात कही जा रही है. संचालक भी पुराना नोट लेने मामले में पशोपेश की स्थिति में बंध जा रहे हैं. बैंक में पुराने नोट डिपॉजिट की सीमा होने के कारण संचालक अंतत: पुराना नोट लेने से इनकार कर रहे हैं. इस स्थिति में शादी पक्ष के सामने व्यवस्था स्थापित करने की चुनौती उत्पन्न हो रही है. व्यवसाय में 50 प्रतिशत तक की गिरावट : नोटबंदी के बाद टेंट हाउस व्यवसाय में 50 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी है. चेक इश्यू व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का कम अनुभव होने के कारण लोगों के पास अर्थ अभाव की स्थिति हो गयी है. अकाउंट में कम पैसा होना भी चेक भुगतान में रोड़ा बन रहा है. फैसला के बाद लोग आलीशान शॉ-आउट बनाने की छोटे काम का ही टेंडर बुक कर रहे हैं. या फिर बाद में पैसा देने की बात कर रहे हैं. मजबूरी में संचालकों को उधार में ही काम करना पड़ रहा है.
केस स्टडी 01
रानी पोखर, सेक्टर 09 निवासी सह चास प्रखंड प्रमुख सरिता देवी की बेटी की शादी 21 नवंबर को तय हुई. शादी समारोह को यादगार बनाने के लिए कई दिन पहले से तैयारी का दौर शुरू हुआ. इसी बीच 500 व 1000 की नोटबंदी का फरमान जारी हो गया. सरिता देवी ने रविवार को बताया : तैयारी में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा. टेंट व अन्य जरूरी काम के लिए क्रेडिट का सहारा लेना पड़ा. जरूरत को छोटा करना पड़ा. उमंग पर फैसला ने पानी फेर दिया.
केस स्टडी 02
भंडरो, कुर्रा- चास निवासी पत्रकार चिन्मय सरकार के भाई की शादी 21 नवंबर को होना निश्चय हुआ. मां बदम सरकार ने बताया : शादी समारोह हर घर के लिए उत्साह का माहौल लेकर आता है, लेकिन नोटबंदी के बाद यह उत्साह फीका हो गया. हर काम में परेशानी का सामना करना पड़ा. पर्याप्त मात्रा में नये नोट नहीं उपलब्ध होने के कारण टेंट- शामियाना समेत सभी प्रकार का भुगतान चेक के जरिये करना पड़ा. छोटी खरीदारी में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा.
2.50 लाख भुगतान भी ज्यादा असरदार नहीं
सरकार की ओर से शादी पक्ष के घर में शादी का कार्ड दिखाकर 2.50 लाख रुपया भुगतान का नियम हाल के दिनों में घोषित किया गया. टेंट संचालक 2.50 लाख की राशि काे अपर्याप्त मानते हैं. संचालकों की माने तो शादी वाले घर में 2.50 लाख की राशि ज्यादा मायने नहीं रखता है. शादी में टेंट के अलावा ज्वेलरी, कपड़ा, खान-मिष्टान्न व परंपरागत तौर-तरीका में भी बहुत खर्च होता है. यह सभी प्राथमिक खर्च में शामिल है. ऐसे में फैसला से टेंट हाउस संचालकों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
स्टाफ को खुराकी व वेतन देने में परेशानी
टेंट हाउस में दर्जनों कारीगर की टीम कार्यरत रहती है. संचालक हर दिन कर्मी के खोराकी के रूप में निश्चित राशि देते हैं. यह राशि कैश में दिया जाता है. साथ ही कारीगरों को वेतन भी कैश में ही दिया जाता है. नोटबंदी के बाद संचालकों के सामने कैश की समस्या हो गयी है. इससे वेतन व खोराकी देने में परेशानी हो रही है. व्यापार में गिरावट के साथ-साथ यह परेशानी संचालकों पर दोहरी मार साबित हो रही है. बोकारो में दो दर्जन से अधिक टेंट व वेडिंग संचालक हैं.
क्या कहते हैं संचालक
सिर्फ विश्वास के आधार पर काम हो रहा है. लोग चेक दे रहे हैं. जरूरत को कम कर रहे हैं. ऐसे में वेडिंग संचालक परेशान हो रहे हैं. व्यवसाय पर असर हो रहा है.
पूनीत जौहर, वेस्टर्न फॉर्म – नया मोड़
फैसला टेंट संचालकों के लिए गलत समय पर आया है. लोग पुराना नोट लेने या उधार काम करने का ऑप्शन दे रहे हैं. इससे कारीगरों को वेतन देने में भी परेशनी हो रही है.
तेजपाल सिंह, वेलकम टेंट हाउस, सेक्टर 02
टेंट हाउस व्यवसाय में 50 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है. ग्राहक पुराने नोट की पेशकश कर रहे हैं. इसे स्वीकार करने की स्थिति में दुकानदार नहीं हैं. यह नुकसान बहुत दिन तक परेशान करेगा.
मुकेश सिंह, कोषाध्यक्ष- बोकारो जिला डेकोरेटर्स एसोसिएशन, जोन 02
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