बोकारो : पहले एकेडमिक टॉपर, फिर बड़ी कंपनी में नौकरी व अंत में घर के व्यावसायिक पहचान को नये सिरे से स्थापित करना. किसी पर घरेलू दबाव तो किसी पर कुछ नया करने का जुनून. किसी की आत्म संतुष्टी, तो किसी पर विरासत को नयी पहचान देने की तमन्ना. कारण जो भी पर बोकारो के युवा लीग से हट कर पहचान बना रहे हैं. बेहतर एकेडमिक प्रदर्शन करने के बाद बिजनेस में भी लोहा मनवा रहे हैं. अपने साथ-साथ व्यवसाय की पहचान को धार दे रहे हैं. होटल, टेक्सटाइल, प्रोफेशनल सैलून, फैशन… सभी तरह के व्यवसाय में युवा उद्यमी धमक दे रहे हैं.
बोकारो के युवा व्यवसायी को माने तो व्यवसाय स्थापित करने में बहुत चुनौतियां हैं. कभी बाजार का धड़ाम से गिरना, कभी स्टॉफ की मनमानी, कभी ग्राहकों का पसंद… ऐसे कई समस्या ये आये दिन दो-चार होना पड़ता है. कहते हैं : समस्या निदान के लिए व्यवसाय को नया रंग देने की जरूरत है. व्यवसाय स्थापित करने के पहले बाजार का सर्वे जरूरी है. मांग के अनुसार व्यवसाय नहीं करने से हमेशा नुकसान ही होता है. किसी भी व्यवसाय को स्थापित होने में वक्त लगता है. इसलिए संयम अनिवार्य है. इसके अलावा आत्म संतुष्टी भी जरूरी है.
व्यवसाय को ही कैरियर बनाना है : अविनाश कु गुप्ता
व्यवसाय को ही कैरियर बनाना है. लेकिन, इससे पहले नाम-गिरामी कंपनी में जॉब करना है. ताकि कोई योग्यता पर सवाल नहीं उठे. यह कहना है अविनाश कुमार गुप्ता का. अविनाश ने कहा : फिलहाल हर दिन दो घंटा पिता की दुकान में समय देता हूं, जिससे व्यवसाय की बारिकियों को समझने में मदद मिले. इससे पिता के कंधों से कुछ बोझ भी कम हो जाता है. अविनाश बताता है : व्यवसाय सिर्फ रोजगार नहीं है, यह समाज की आर्थिक स्थितियों को समझने का मौका देता है.
अविनाश हर दिन 06 घंटा सेल्फ स्टडी करता है, जिससे एकेडमिक रिकॉर्ड भी बेहतर बना रहे. अविनाश बीकॉम करने के बाद एमबीए करना चाहता है, ताकि व्यावसायिक गतिविधि के एकेडमिक पहलुओं को समझा जा सके. सपना है बोकारो का सफल व्यवसायी बनना.
आत्मसंतुष्टि के लिए व्यवसाय किया : उत्तम त्रिपाठी
व्यवसाय करने के बारे में सोचा नहीं था. आइबीएम में बड़े पद पर कार्यरत था. लेकिन, पारिवारिक व्यवसाय हर दिन बढ़ रहा था. इसका बोझ उठा पाना पापा व भैया के बाहर हो रहा था. पिता ने ही होम बिजनेस को संभालने की नसीहत दी. पिता की खुशी को अपनी खुशी मान कर बिजनेस में हाथ आजमाया. यह बात श्री लेदर्स, सिटी सेंटर के संचालक उत्तम त्रिपाठी ने कही.
श्री त्रिपाठी बताते हैं : आत्मसंतुष्टी के कारण ही पिछले 09 साल से व्यवसाय कार्य कर रहा हूं. वर्तमान दौर में जिसके पास स्थापित व्यवसाय है, उसके लिए यह आसान काम है. अन्य लोगों के सामने कई चुनौतियां आती है, जिसका सामना करना आसान नहीं हो पाता. बाजार की मांग के अनुसार प्रतिष्ठान स्थापित करने से नये लोगों को फायदा होगा. कड़ी मेहनत भी जरूरी है.
और एक घंटा तक रहा चंदनकियारी चौक जाम
चंदनकियारी. चंदनकियारी चौक गुरुवार को दोपहर करीब एक घंटे तक जाम रहा. इस कारण चंदनकियारी के विभिन्न स्कूलों के परीक्षार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. दोपहर एक बजे अचानक हाईवा ट्रकों की लगातार आवाजाही के कारण जाम की स्थिति बनी. इसी बीच चंदनकियारी के विभिन्न स्कूलों में चल रही मैट्रिक की परीक्षा खत्म हुई और इंटर की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों का आना शुरू हुआ. चंदनकियारी प्लस टू हाई स्कूल,
बरमसिया उच्च विद्यालय तथा चंद्रा के परीक्षार्थियों की गाड़ियां चंदनकियारी चौराहा पर जमा हो गयी. इससे जाम लग गया. दोपहर एक बजे लगा जाम दो बजे के बाद हटा. तब जाकर विद्यार्थियो को राहत मिली. इस बीच परीक्षा देने जा रहे इंटर के परीक्षार्थियों की बेचैन बढ़ गयी. स्थानीय लोगों की सूचना के बावजूद चंदनकियारी पुलिस जाम हटाने नहीं पहुंची. स्थानीय लोगों ने परीक्षा के समय हाईवा ट्रक के परिचालन पर रोक लगाने की मांग की है.