दो दिसंबर को वह अपने कमरे में खाना खा रहे थे. इसी दौरान उन्हें हिचकी आयी और वह बेहोश हो गये. कमरे में रह रहे साथियों ने उन्हें दुबई के अस्पताल में भरती कराया, जहां करीब छह दिनों बाद नौ दिसंबर को उनकी मौत हो गयी़ बताया गया कि उसके बाद कंपनी ने शव को गांव भेजने की प्रक्रिया शुरू की़ कागजात बनने में काफी समय लग गया़ इस कारण शव को गांव पहुंचने में करीब नौ दिन लग गये. कंपनी के खर्च पर शव को प्लेन से रांची भेजा गया, यहां से एंबुलेंस से गांव तक लाया गया़ बताया गया कि दुबई में जिस अस्ताल में सुधीर को भरती किया गया था, उसका सारा खर्च भी कंपनी ने ही वहन किया है़
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कसमार के युवक की दुबई में मौत
कसमार: कसमार थाना क्षेत्र अंतर्गत टांगटोना पंचायत के तेलियाडीह ग्राम निवासी बेनीलाल महतो के पुत्र सुधीर महतो (40 वर्ष) की दुबई में मौत हो गयी है़ गुरुवार की देर शाम को घटना के नौ दिन बाद उनका शव गांव पहुंचा है़ मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है़ शव पहुंचते ही गांव में मातम […]
कसमार: कसमार थाना क्षेत्र अंतर्गत टांगटोना पंचायत के तेलियाडीह ग्राम निवासी बेनीलाल महतो के पुत्र सुधीर महतो (40 वर्ष) की दुबई में मौत हो गयी है़ गुरुवार की देर शाम को घटना के नौ दिन बाद उनका शव गांव पहुंचा है़ मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है़ शव पहुंचते ही गांव में मातम छा गया है़ परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है़ जानकारी के अनुसार, सुधीर महतो दुबई जेनरल कंस्ट्रक्शन नामक प्राइवेट कंपनी में फीटर का काम करते थे.
दो दिसंबर को वह अपने कमरे में खाना खा रहे थे. इसी दौरान उन्हें हिचकी आयी और वह बेहोश हो गये. कमरे में रह रहे साथियों ने उन्हें दुबई के अस्पताल में भरती कराया, जहां करीब छह दिनों बाद नौ दिसंबर को उनकी मौत हो गयी़ बताया गया कि उसके बाद कंपनी ने शव को गांव भेजने की प्रक्रिया शुरू की़ कागजात बनने में काफी समय लग गया़ इस कारण शव को गांव पहुंचने में करीब नौ दिन लग गये. कंपनी के खर्च पर शव को प्लेन से रांची भेजा गया, यहां से एंबुलेंस से गांव तक लाया गया़ बताया गया कि दुबई में जिस अस्ताल में सुधीर को भरती किया गया था, उसका सारा खर्च भी कंपनी ने ही वहन किया है़
10 साल से दुबई में थे सुधीर
सुधीर महतो पिछले 10 सालों से दुबई में थे. उनकी तीन संतान एक बेटा उम्र करीब 18 साल तथा दो छोटी-छोटी बेटी है़ सभी गांव में ही रहते हैं. दुबई में गांव के ही नरेश महतो भी करीब 12 साल से हैं, पर वह करीब एक माह पहले ही गांव आये है़ं सुधीर के आने के बाद दोनों साथ में दुबई जाते़ सुधीर काफी मिलनसार किस्म के थे. इसलिए उनकी मौत से पूरे गांव में शोक व्याप्त है़ देर शाम को शव पहुंचते ही लोग काफी संख्या में उनके घर में उमड़ पड़े़
13 दिसंबर को आने वाले थे घर
13 दिसंबर को सुधीर घर आने वाले थे. उनका टिकट भी बन गया था. करीब ढाई साल बाद उनके घर आने की बात से पूरे परिवार में खुशी थी़ पत्नी, बच्चों समेत सभी को सुधीर का इंतजार था़ उससे पहले ही उनकी मौत की खबर आ गयी और सारी खुशी गम में बदल गयी.
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